केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कैसे भारत उठाएगा चीन के खिलाफ बढ़ रही नफरत का फायदा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी बात कही गई है। केंद्रीय लघु उद्योग और राजमार्ग एंव परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा है कि भारत को कोरोना वायरस अर्थव्यवस्था की वजह से चीन के खिलाफ बढ़ती दुनिया की नफरत को एक आर्थिक मौके के तौर पर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अब बड़े स्तर पर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के मौके तलाशने चाहिए। गडकरी ने यह बात उस समय कही जब वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विदेशों में बसे भारतीय छात्रों से मुखातिब हो रहे थे।
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विदेशी निवेश को आकर्षित करेगी सरकार
गडकरी से छात्रों ने पूछा था कि अब पूरी दुनिया में चीन के विरोध में सुर उठ रहे हैं और नफरत का माहौल बन रहा है। ऐसे में क्या इस बात की संभावना है कि भारत इसे अपने लिए एक मौके में तब्दील कर ले? गडकरी ने छात्रों को जापान का उदाहरण दिया और बताया कि इस देश ने अब चीन से अपना बिजनेस समेटने की तैयारी कर ली है। उनके शब्दों में, 'हमें भी अब इसी तरह से सोचना चाहिए और हम इस पर ध्यान देंगे। हम भारतीय परिप्रेक्ष्य को उसके लिए खोलेंगे। हम विदेशी निवेशकों को क्लीयरेंस और सभी जरूरी चीजें देंगे और विदेश निवेश को आकर्षित करेंगे।' गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले दिनों भारत ने एफडीआई नियमों में बदलाव कर चीन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
क्या चीन पर एक्शन लेगा भारत
गडकरी से छात्रों ने पूछा कि अगर भारत को यह पता लगा कि चीन ने जानबूझकर वायरस से जुड़ी जानकारी छिपाई तो क्या उसके खिलाफ कोई एक्शन लिया जाएगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मसला है और विदेश मंत्रालय से जुड़ा हुआ है। साथ ही प्रधानमंत्री भी इस पर नजर रखते हैं और ऐसे में उनके लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। आपको बता दें कि अमेरिका, यूके जर्मनी और फ्रांस के नेता मान रहे हैं कि अगर चीन ने कुछ पारदर्शिता दिखाई होती तो वायरस से इतने लोगों की जान नहीं जाती।
कोविड-19 के बाद एक और वॉर से जीतने का भरोसा
गडकरी ने छात्रों को भरोसा जताया कि सभी सरकारी विभाग खासतौर पर वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कोविड-19 के बाद 'आर्थिक युद्ध' को जीतने की नीतियां बना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन तक ले जाने का जो सपना देखा है वह हर हाल में पूरा होगा। उन्होंने आगे का कि देश में 100 लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार किया जा सकता है।
100 कंपनियों की नजरें भारत पर, 300 ने भेजे प्रपोजल
पिछले दिनों बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट की मानें तो जो कंपनियां इस समय चीन में है उनके बीच 'एग्जिट चाइना' मंत्र यानी चीन से निकलने की सोच मजबूत होती जा रही है। 1000 विदेशी कंपनियां जहां भारत में उत्पादन शुरू करने पर नजरें गड़ा रही हैं तो 300 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने सक्रियता से चीन से निकलने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ये कंपनियां भारत को एक वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर देखने लगी हैं। सूत्रों की मानें तो कंपनियों ने सरकार के अलग-अलग स्तर पर अपनी तरफ से प्रस्ताव भेजने शुरू भी कर दिए हैं।