चीन की चुनौती से निपटने के लिए भारत की बड़ी योजना, 5000 करोड़ के रक्षा प्रस्ताव को मंजूरी
नई दिल्ली। हिंद महासागर में जिस तरह से चीन लगातार अपने प्रभाव को बढ़ा रहा है उससे निपटने के लिए भारत ने नई योजना बनाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार भारत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अगले 10 साल में 5650 करोड़ की योजनाओं की शुरुआत करेगा। ये तमाम प्रोजेक्ट सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं जिन्हें सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस योजना के पूरा होने पर भारतीय नौसेना की स्थिति हिंद महासागर में काफी मजबूत हो जाएगी।
मजबूत होगी नौसेना की स्थिति
भारत सरकार ने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के जिस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है उसके तहत भारतीय सेना अतिरिक्त युद्धपोत, विमान, ड्रोन, मिसाइल बैटरी और सैनिकों को तैनात कर सकती है। इस प्रोजेक्ट को काफी लंबे समय तक चली उच्च स्तरीय बैठक के बाद हरी झंडी दी गई है। यह योजना मुख्य रूप से अंडमान और निकोबार कमांड के लिए तैयार की गई है। सूत्रों के अनुसार इस योजना की समीक्षा डिफेंस प्लानिंग कमेटी ने भी की थी, जिसके मुखिया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं। इस कमेटी में सेना के तीनों प्रमुख भी शामिल थे।
बजट पास
शुरुआती योजना के अनुसार इस योजना के लिए कुल 10000 करोड़ रुपए का बजट पास किया जाना था, लेकिन इस योजना को मुख्य रूप से जमीनी सुधार तक सीमित रखा गया है जिसके लिए जमीन का पहले से ही या तो जमीन उपलब्ध है या फिर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। भारती सशस्त्र बलों की ताकत को बढ़ाने के लिए भी व्यापक योजना तैयार की गई है, जिसे 2017 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 5370 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
अपग्रेड किया जाएगा
इस योजना के तहत 109 माउंटेन ब्रिगेड को अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही वायु रक्षा प्रणाली, सिग्ल्स, इंजिनियर, आपूर्ति के अलावाा दो नौसेनिक और एक प्रादेशिक सेना की बटालियन को तैनात किया जाएगा। आपको बता दें कि अंडमान निकोबार कमांड देश का एकमात्र ऐसा कमामंड है जिसके पास आर्मी, नेवी और एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड सभी आते हैं। हाल ही में भारतीय नौसेना ने अंडमान निकोबार में आईएएनएस कोहासा एयरबेस को शुरू किया है।
रनवे का निर्माण
सूत्रों
के
अनुसार
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
और
रक्षामंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
572
द्वीप
का
दौरा
किया
था,
जिससे
साफ
है
कि
यहां
पिछले
30
दिनों
से
काम
शुरु
हो
चुका
है।
पोर्ट
ब्लेयर
और
कार
निकोबार
में
मुख्य
एयरपोर्ट
स्थित
है,
इसके
अलावा
शीबपुर,
कैंपबेल
खाड़ी,
में
भी
रनवे
तैयार
किया
जाएगा,
जिससे
कि
यहां
बड़े
विमान
उड़ान
भर
सके।
इसके
अलावा
10
हजार
फुट
का
रनवे
कमोरता
में
अगले
10
साल
में
तैयार
किया
जाएगा,
जोकि
नौसेना
की
ताकत
को
और
बढ़ाएगा।
कई अहम कदम
गौरतलब है कि भारत ने पहले सेस ही सुखोई 30एमकेआई को तैनात करने का फैसला ले लिया है। इसके अलावा पेट्रोलिंग के लिए डोर्नियर 228 एयरक्राफ्ट और एमआई 17 वी 5 हेलीकॉप्टर को भी जल्द यहां तैनात किया जाएगा। बहरहाल सरकार अंडमान में चीन की बढ़ते दायरे से निपटने के लिए लगातार अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश में जुटी है, इन तमाम योजनाओं के पूरा होने के बाद भारत यहां भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए काफी बेहतर स्थिति में होगा।
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