जाधव के काउंसलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान ने चली चाल, तीन शर्तों को मानने से भारत का इनकार
नई दिल्ली। पाकिस्तान की तरफ से गुरुवार को उसकी जेल में कुलभूषध जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की पेशकश की गई थी। भारत ने शुक्रवार को इस एक्सेस को लेने से इनकार कर दिया है और साफ कर दिया है कि निगरानी में मुलाकात संभव नहीं है। साथ ही भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को बिना रोक-टोक वाला काउंसलर एक्सेस मुहैया कराए। 17 जुलाई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) की ओर से जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
ICJ के फैसले के 10 दिन बाद जागा पाक
आईसीजे का फैसला आने के 10 दिन बाद पाकिस्तान की तरफ से जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का ऐलान किया गया।लेकिन इसके साथ ही तीन शर्तें रखी गई थीं और पाक का कहना था कि शर्ते उसके कानून के मुताबिक हैं। पाकिस्तान चाहता हैकि जिस समय भारत के अधिकारी जाधव से मुलाकात करें, पाक ऑफिसर्स वहां पर मौजूद हों। इसके साथ ही मुलाकात सीसीटीवी कैमरे के साए में होनी चाहिए बिल्कुल वैसे जैसे जाधव के परिवार के समय हुई थी। सूत्रों की मानें तो भारत ने साफ संदेश पाक को दिया है और कहा है कि जाधव को हर हाल में काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए और वह भी डर के माहौल के बिना।
भारत ने याद दिलाया विएना कनवेंशन
भारत ने कहा है कि विएना कनवेंशन के आर्टिकल 36 का पहला पैरा कहता है कि 'अपने नागरिक से बात करने के लिए काउंसलर ऑफिसर्स पूरी तरह से फ्री होंगे। इसी तरह से जिस नागरिक को काउंसलर एक्सेस दिया गया है वह भी काउंसलर ऑफिसर्स से संपर्क करने और उनसे बात करने के लिए पूरी तरह से आजाद होगा।' जाधव को मार्च 2016 में पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था और उन्हें अप्रैल 2017 मिलिट्री कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। आईसीजे ने कहा था कि काउंसलर एक्सेस जाधव का मौलिक अधिकार है। आईसीजे ने इसके आधार पर पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वह जाधव को विएना कनवेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस दे।