आतंकी घटनाओं के पीड़ितों को भी न्याय पाने का अधिकार है: विदेश सचिव
नई दिल्ली। आतंकवाद के चलते देश में जो लोग अपनी जान गंवाते हैं, उनके परिजनों को इस दर्द और क्षति से उबर पाना काफी मुश्किल होता है। किसी अपने करीबी को आतंकी घटना में गंवा देने का दर्द बयां नहीं किया जा सकता है। आतंकी घटनाओं में जा गंवाने वालों के दर्द को साझा करते हुए विदेश मंत्रालय (ईस्ट) की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने इन इन लोगों के दुख को कम करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आतंकी घटनाओं में जान गंवाने वाले या फिर आतंकी घटनाओं से पीड़ित लोगों की मदद करते समय हमे यह कतई नहीं भूलना चाहिए उन्हें भी इस अन्याय के खिलाफ न्याय हासिल करने का अधिकार है। विजय ठाकुर ने यह बयान आतंक से पीड़ित देशों के मंत्रियों की बैठक के दौरान दिया है।
विदेश सचिव ने कहा कि 2008 के मुंबई हमलों के पीड़िता हों या 2016 में पठानकोट आतंकी हमलों के पीड़ित उन्हें अब भी न्याया का एक अदद इंतजार है। इन लोगों को न्याय इसलिए नहीं मिल पाता है क्योंकि कुछ देश इन मामलों में सहयोग नहीं करते हैं और इसे लेकर किसी भी तरह की रूचि जाहिर नहीं करते हैं। यह बेहद आवश्यक है कि हम इन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में जो खामी है उसे दूर करें ताकि आतंकी घटनाओं के अपराधियो को उनके किए की सजा दिलाई जा सके।
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