भारत ने चीन से कहा गिफ्ट के तौर पर नहीं चाहिए एनएसजी सदस्यता
चीन ने पिछले दिनों अमेरिका और भारत को कहा था कि किसी भी देश की ओर से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी)की सदस्यता दूसरे देश को गिफ्ट नहीं हो सकती है। चीन के बयान पर आई है भारत की प्रतिक्रिया।
नई दिल्ली। भारत की ओर से चीन के उस बयान की आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है जिसमें चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सदस्यता पर भारत और अमेरिका को दो टूक जवाब दिया था। भारत ने कहा है कि उसे एनएसजी की सदस्यता की जरूरत एक गिफ्ट के तौर पर हरगिज नहीं है।
भारत ने दिया चीन को जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भारत की ओर से एक आधिकारिक बयान बुधवार को नियमित मीडिया कांफ्रेंस में जारी किया। स्वरूप ने कहा कि भारत को एनएसजी सदस्यता नॉन-प्रॉलिफेरेशन रिकॉर्ड के आधार पर चाहिए न कि एक गिफ्ट के तौर पर। सोमवार को चीन की ओर से सेएक एनएसजी में भारत की एंट्री को लेकर अहम और बड़ा बयान दिया गया था। चीन ने कहा है कि एनएसजी सदस्यता किसी देश को दूसरे देश की ओर से फेयरवेल गिफ्ट नहीं हो सकता है। चीन का इशारा साफतौर पर कुछ दिनों बाद अपने पद से जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रशासन की ओर था।
अमेरिका के बयान के बाद चीन का बयान
चीन की यह प्रतिक्रिया ओबामा प्रशासन की ओर से आए उस बयान के बाद आई थी जिसमें कहा गया था भारत को इस एलीट ग्रुप का सदस्य बनाने की कोशिशों में चीन एक बाहरी तत्व था। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग की ओर से कहा गया, 'नॉन-एनपीटी देशों को एनएसजी में दाखिल कराने को लेकर हमने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया था। हम इस रुख में कोई बदलाव नहीं करेंगे।'
पीएम मोदी को आया ओबामा का फोन
विकास स्वरूप ने मीडिया को यह जानकारी भी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक फोन किया था। इस फोन कॉल में उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते बेहतर करने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया। व्हाइट हाउस की ओर से बुधवार को इस वार्ता से जुड़ा एक रीडआउट जारी किया गया है। स्वरूप ने बताया कि अमेरिका में भारतीय राजदूत की ओर से नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की जाएगी।