इजरायल-फिलीस्तीन के लिए अमेरिकी प्रस्ताव पर भारत का बयान, आपस में बात करने की दी सलाह
नई दिल्ली। भारत की तरफ से इजरायल और फिलीस्तीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किए गए ऐलान पर प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इस पर बुधवार को आधिकारिक बयान जारी किया। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद इजरायल और फिलीस्तीन के बीच शांति की योजना को सबके सामने रखा। ट्रंप ने इस प्लान को 'शांति की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम' करार दिया है।
आपस में चर्चा करें दोनों देश
विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है कि अमेरिका के द्वारा जो प्रस्ताव पेश किया गया है उसपर दोनों देशों को आपस में चर्चा करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसमें गया है, 'भारत लंबे समय से फिलीस्तीन की चिंताओं के साथ खड़ा है। भारत ने हमेशा से इजरायल-फिलीस्तीन के विवाद के लिए 'टू नेशन थ्योरी' का प्रस्ताव दिया है। हमारी अभी भी अपील है कि दोनों देश आपस में बात करें और जो दोनों को मंजूर हो, उसी पर आगे बढ़ें।' ट्रंप का दावा है कि इस प्लान के बाद दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष पर विराम लग सकेगा। दिलचस्प बात है कि इस पूरी वार्ता में फिलीस्तीन शामिल ही नहीं था।
फिलीस्तीन ने मानने से किया इनकार
नेतन्याहू से मुलाकात के बाद ट्रंप मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने मीडिया के सामने इस बारे में जानकारी दी और बताया, 'आज, इजरायल ने शांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।' ट्रंप के इस प्लान को फिलीस्तीन ने मानने से इनकार कर दिया है। ट्रंप का कहना है कि इस प्लान के बाद फिलीस्तीन के 'एतिहासिक मौका' होगा कि वह एक आजाद देश के सपने को पूरा कर सके। ट्रंप ने आगे कहा, 'यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ मौका है जो उन्हें दिया गया है।' ट्रंप के शब्दों में, 'फिलीस्तीन के लोग गरीबी और हिंसा में जी रहे हैं और ऐसे लोग उनका शोषण कर रहे हैं जो आतंकवाद और चरमपंथ को और मजबूत करना चाहते हैं।' ट्रंप के मुताबिक फिलीस्तीन के लोगों को एक बेहतर जीवन जीने का हक है।