कुपोषण और महिलाओं में खून की कमी के मामले में भारत ने पाक को पछाड़ा
नई दिल्ली। भारत में महिलाओं की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोरी का शिकार भारत की ही महिलाएं हैं। भारत की महिलाओं में खून की कमी दुनिया में सबसे अधिक है और लगातार महिलाओं में बढ़ती बीमारी सबसे बड़ी समस्या है। इसमे से सबसे बड़ी समस्या मोटापे की है। न्यू ग्लोबल रिपोर्ट 2017 के अनुसार एनीमिया से जूझ रही महिलाओं की लिस्ट में भारत सबसे उपर है, भारत के बाद पाकिस्तान, नाइजीरिया और इंडोनेशिया का स्थान आता है। भारत में 51 फीसदी यानि आधी से ज्यादा महिलाएं इस बीमारी से जूछ रही हैं।
मोटापा भी बड़ी दिक्कत
भारत की आधी से ज्यादा महिलाएं प्रजनन की आयु में खून की कमी का शिकार हैं, वहीं 22 फीसदी वयस्क महिलाएं मोटापे का शिकार हैं। रिपोर्ट में 140 देशों के आंकड़ों का संकलन गत वर्ष मई माह में किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने समस्या को पहचान लिया है कि महिलाओं में खून की कमी और कुपोषण बड़ी समस्या है लेकिन भारत ने इस समस्या से निपटने के लिए कदम नहीं उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रजनन की उम्र में महिलाएं इसकी सबसे अधिक शिकार होती है, यही नहीं मोटापे और मधुमेह की समस्या भी लगातार बढ़ी है।
सरकार उदासीन
वर्ष 2016 में रिपोर्ट के अनुसार 48 फीसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार थीं। हालांकि भारत सरकार को स्थिति का अंदाजा है कि यह कितनी गंभीर है लेकिन इस दिशा में कदम उठाने के मामले में सक्रियता नहीं दिखी रही है। ग्लोबल न्युट्रिशन रिपोर्ट के अनुसार भारत को मोटापे की दिक्कत से निपटने के लिए राष्ट्रीय न्युट्रिशन के लिए रणनीति बनानी होगी। जो लोग सही पोषण नहीं पा रहे हैं उन्हें यह मुहैया कराना चाहिए।
सिर्फ कुपोषण नहीं है वजह
वहीं डॉक्टर का कहना है कि कुपोषण ही एकमात्र एनीमिया की वजह नहीं होता है, साफ सफाई का नहीं होना एनीमिया की बड़ी वजह है, क्योंकि इसकी वजह से पोषण सही नहीं मिल पाता है। लोगों में जागरुकता का नहीं होना, अशिक्षित होना भी इसकी अहम वजहे हैं। एनीमिया काफी खतरनाक हो सकता है खासकर जब महिलाएं गर्भवती होती हैं, यह ना सिर्फ मां के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी खतरनाक होता है। इस स्थिति में पैदा होने वाले बच्चे अक्सर पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं या फिर उनका स्वास्थ्य सही नहीं रहता है।
अमीर देशों का भी हाल जान लीजिए
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो देश समृद्ध हैं वहां भी महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। स्विट्जरलैंड और फ्रांस में भी 18 फीसदी महिलाएं इसकी शिकार हैं। पूरी दुनिया में 15-49 वर्ष की आयु की कुल 614 मिलियन महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के देशों में 88 फीसदी आबादी दो या तीन स्तर के कुपोषण का शिकार है, यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य का क्या स्तर है।