वैक्सीन डिप्लोमेसी: डेटा की कमी के चलते पड़ोसी देशों को 'कोवाक्सीन' भेजने में हो सकती है देरी
नई दिल्ली। India's Vaccine Diplomacy, भारत अपने पड़ोसी देशों को बड़ी मात्रा में कोरोना वैक्सीन(coronavirus vaccine) की सप्लाई कर रहा है। इसे भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी(Vaccine Diplomacy) के तौर पर देखा जा रहा है। भारत ने सात देशों को कोवाक्सिन टीका देने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। अब माना जा रहा है कि, इन देशों को कोरोना वैक्सीन मिलने में देरी हो सकती है। क्योंकि सरकार अपने संबंधित नियामक अधिकारियों से अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही है।
16 जनवरी को, भारत सरकार ने कुछ चुनिंदा देशों को भारत के स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन की 8.1 लाख खुराक दान करने का फैसला किया है। जिसे कोविड कूटनीति करार दिया गया है। विदेश मंत्रालय, यह निर्णय लिया गया था, 22 जनवरी के बाद खरीद करेगा। विदेश मंत्रालय ने फैसला किया था, 22 जनवरी के बाद वैक्सीन की खरीद करेगा। 18 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय में विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की है।
इस बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सीईओ अदार पूनावाला और भारत बायोटेक के सीएमडी डॉ कृष्णा एला भी शामिल हुए हैं। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि कोवाक्सिन की खुराक म्यांमार, मंगोलिया, ओमान, बहरीन, फिलिपिन, मालदीव और मॉरीशस को भेजी जाएगी। लेकिन ऐसा लगता है कि कोवाक्सिन के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि अभी भारत बायोटेक की क्लिनिकल ट्रायल के आंकड़े आने बाकी हैं। हालांकि दो फेज के आंकड़े आ चुके हैं।
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, इन देशों में से प्रत्येक के लिए आवश्यक डोजियर भेजे गए हैं, जिसके बाद उनके संबंधित ड्रग नियामकों से भी जानकारी मांगी जाएगी। असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को त्वरित उपयोग की मंजूरी मिली थी। हालांकि लोग इस वैक्सीन को लेने में घबराह रहे हैं। दूसरी ओर कोविशिल्ड को सद्भावना के रूप में कई देशों को भेज दिया गया है। वाणिज्यिक आपूर्ति के अलावा, भारत ने मालदीव, मॉरीशस, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश को कोविशिल्ड की मुफ्त खुराक दी है। वैक्सीन को सेशेल्स और म्यांमार को भी भेजा गया है। {document1}
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