UNHRC में भारत ने फिर उड़ाईं पाक की धज्जियां, कहा- अपने गिरेबां में झांके
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जिनेवा। भारत ने यूएनएचसीआर के 42वें सत्र में पाकिस्तान की एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे पर धज्जियां उड़ा दीं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) में शुक्रवार को भारत की प्रतिनिधि कुमाम मिनी देवी ने सभा के सामने पाक के सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन के मामले उठाए। कुमाम मिनी देवी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान तथ्यों और झूठे बयानों के आधार पर गलत व्याख्या करता है। वह हमारे मामले में दखल देने की जगह अपने गिरेबां में झांके।
विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह के बाद अब यूएनएचआरसी में भारत की सेकंड सचिव कुमम मिनी देवी ने पाक को उसी के घर सालों से चल रहे हिंसा की दिलाई। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान को सलाह देंगे कि वह विशेष रूप से गुलाम कश्मीर, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध में लोगों की हत्याओं और उनके साथ हो रही ज्यादती पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। उसके झूठे, मनगढ़ंत बातों से यह तथ्य बदलने वाला नहीं है।
कुमाम मिनी देवी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत के नागरिकों के रूप में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने सभी स्तरों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेकर भारतीय लोकतंत्र में अपने विश्वास को दोहराया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएनएचआरसी के सामने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर धरती की सबसे बड़ी जेल बन गया है।
इस पर विजय ठाकुर सिंह ने पलटवार करते हुए यूएन में कहा था कि एक डेलिगेशन यहां सीधे झूठी बातें कह रहा है। दुनिया जानती है कि यह बातें ऐसे आतंक के केंद्र से आ रही हैं जो लंबे समय से आतंकियों का पनाहगाह रहा है। यह देश वैकल्पिक डिप्लोमेसी के तौर पर क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का इस्तेमाल करता रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार देश के तौर पर भारत मानवाधिकार की सुरक्षा में विश्वास रखता है।
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