क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मेरठ में बनेगा देश का पहला ऐसा वॉर मेमोरियल जहां होंगे जंग के मैदान में जान गंवाने वाले जानवरों के नाम

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। उत्‍तर प्रदेश के मेरठ में जल्‍द ही एक ऐसा मेमोरियल देखने को मिलेगा जो उस वॉर हीरो का है जो इंसान तो नहीं मगर उससे कम भी नहीं है। यह मेमोरियल उस कैनाइन हीरो का है जिसने साल 2016 में जम्‍मू कश्‍मीर में एक एनकाउंटर के दौरान अपनी जान गंवा दी थी। इंग्लिश डेली हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि देश में जल्‍द ही जानवरों की याद में युद्ध स्‍मारक बनाया जाएगा। यह देश का पहला ऐसा वॉर मेमोरियल होगा जो जानवरों के लिए होगा।

सर्विस डॉग्‍स के अलावा घोड़े और खच्‍चर भी

सर्विस डॉग्‍स के अलावा घोड़े और खच्‍चर भी

जो युद्ध स्‍मारक बन रहा है उसमें उन वॉर हीरोज को भी जगह दी जाएगी जिन्‍होंने साल 1999 में कारगिल की जंग में पाकिस्‍तान के खिलाफ जंग के मैदान में अपनी बहादुरी का परिचय दिया था। यूं तो यह वॉर मेमोरियल जानवरों के लिए होगा मगर इसमें सर्विस डॉग्‍स की संख्या ज्‍यादा होगी। सर्विस डॉग्‍स के अलावा घोड़ों और खच्‍चरों को भी यह युद्ध स्‍मारक समर्पित किया जाएगा। इस वॉर मेमोरियल का मकसद उन जानवरों को सम्‍मान देना है जिन्‍होंने सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में असाधारण योगदान और ड्यूटी का परिचय दिया था। हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स ने तीन ऑफिसर्स के हवाले से यह जानकारी दी है।

नेशनल वॉर मेमोरियल की तर्ज पर

नेशनल वॉर मेमोरियल की तर्ज पर

यह वॉर मेमोरियल मेरठ के रेमाउंट एंड वेटनेरी कॉरे (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज में होगा। इस कॉलेज में सेना के लिए प्रशिक्षित कुत्‍तों, घोड़ों और खच्‍चरों की ब्रीड को रेडी किया जाता है। यह वॉर मेमोरियल दिल्‍ली में बने नेशनल वॉर मेमोरियल की तर्ज पर होगा मगर छोटे स्‍तर पर होगा। इसके लिए मेरठ में जगह की पहचान कर ली गई है और शुरुआती डिजाइन पर भी फैसला ले लिया गया है। इस वॉर मेमोरियल पर 300 से ज्‍यादा सर्विस डॉग्‍स, 350 हैंडलर्स, कुछ घोड़ों और खच्‍चरों के नाम और सर्विस नंबर अंकित होंगे। जिन कुत्‍तों के नाम इस वॉर मेमोरियल में होंगे उनमें से 25 ऐसे हैं जिन्‍होंने जम्‍मू कश्‍मीर और नॉर्थ ईस्‍ट में काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशंस के दौरान अपनी जान गंवाई है।

सबसे पहला नाम होगा मानसी का

सबसे पहला नाम होगा मानसी का

वॉर मेमोरियल पर सबसे पहला नाम होगा मानसी का। मानसी एक लैब्रॉडोर थी जिसे मरणोपरांत सम्‍मान मिला था। चार साल पहले मानसी की जान नॉर्थ कश्‍मीर में एक एनकाउंटर में चली गई थी। मानसी के हैंडलर बशीर अहमद वार भी इसमें शहीद हो गए थे। उन्‍हें वीरता के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से सम्‍मानित किया गया था। उनका नाम भी मानसी के नाम के साथ होगा। डॉग हैंडलर को शौर्य चक्र जैसे सम्‍मान से भी नवाजा जाता है। शांति काल में यह देश का तीसरा सर्वोच्‍च सम्‍मान है जो सैनिक को दिया जाता है।

कारगिल की जंग में खच्‍चरों का था बड़ा रोल

कारगिल की जंग में खच्‍चरों का था बड़ा रोल

सेना के पास 1,000 कुत्‍ते, 5,000 खच्‍चर और 1,500 घोड़े हैं। खच्‍चरों ने कारगिल की जंग में बड़ा रोल अदा किया था। उस समय कारगिल और द्रास की 19,000 फीट तक ऊंची पहाड़‍ियों पर इन खच्‍चरों की मदद से सैनिकों तक रसद और दूसरे सामानों की सप्‍लाई की गई थी।

Comments
English summary
India's first war memorial for animals very soon.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X