रघुराम राजन बोले- नोटबंदी और GST से डगमगाई भारत की अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि देश में नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के फैसले से भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट आई है। राजन ने कहा कि मौजूदा 7 प्रतिशत विकास दर देश के जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं है। बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी के 2 साल पूरे हुए हैं। ऐसे में सरकार को काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है।
नोटबंदी और जीएसटी के पहले विकास दर में थी तेजी
बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में शुक्रवार को लोगों को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से पहले 2012 से 2016 तक भारत की विकास दर की रफ्तार काफी तेज रही। राजन ने कहा कि लगातार 25 सालों तक हर साल 7 प्रतिशत की विकास दर देश के लिए बहुत मजबूत वृद्धि है। लेकिन यह एक तरह से हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ की तरह है जिसे पहले 3.5 फीसदी के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
हमें रोजगार देने की जरूरत है
बता दें कि आजादी के बाद देश की अर्थव्यवस्था के लिए रेट ऑफ ग्रोथ का इस्तेमाल किया जाता था जिसका मतलब बेहद कमजोर ग्रोथ रेट से था। रघुराम राजन ने कहा कि सच तो यही है कि 7 फीसदी की वृद्धि दर उन लोगों के लिए पर्याप्त नहीं जो श्रम बाजार में आ रहे हैं और हमें उन्हें रोजगार देने की जरूरत है। इसलिए हमें आर्थिक विकास दर की जरूरत है और इस स्तर से हम संतुष्ट नहीं हो सकते हैं।
विकास दर में गिरावट के पीछे नोटबंदी और जीएसटी मुख्य
रघुराम राजन ने कहा कि साल 2017 में क्या था जब पूरी दुनिया ग्रोथ पर थी लेकिन भारत के विकास दर में गिरावट देखने को मिली थी। इसके पीछे मुख्य वजह नोटबंदी और जीएसटी ही था। जो कि देश की अर्थव्यस्था को जबरदस्त आघात किया था। और अब जब भारत विकास दर पटरी पर वापस लौटी तो तेल की किमतों ने नई मुसिबत खड़ी कर दी। राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चीजे थोड़ी मुश्किल होने जा रही है।