India Russia Summit 2021: पीएम मोदी-व्लादिमीर पुतिन के बीच चर्चा की सभी प्रमुख बातें
नई दिल्ली, 6 दिसंबर: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत को समय की कसौटी पर खरे उतरने वाला मित्र करार दिया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह बातचीत 21वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के तहत राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में बीते दशकों में कई जियोपॉलिटिकल समीकरण उभरे हैं, लेकिन भारत और रूस की अनोखी मित्रता हमेशा कायम रही है। बाद में इस बातचीत के बारे में विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने विस्तार से जानकारी भी दी है।

'भारत को समय की कसौटी पर खरे उतरने वाला दोस्त समझते हैं'
भारत-रूस 21वें शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ ऐतिहासिक दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा है,'हम भारत को एक महान शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और समय की कसौटी पर खरे उतरने वाला दोस्त समझते हैं। हमारे देशों के बीच संबंध बढ़ रहे हैं और मैं भविष्य की ओर देख रहा हूं।' उन्होंने दोनों देशों के आपसी संबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 'वर्तमान में, आपसी निवेश लगभग 38 बिलियन है, जिसमें रूस की तरफ से थोड़ा ज्यादा निवेश आ रहा है। हम मिलिट्री और तकनीक के क्षेत्र में जितना महान सहयोग करते हैं, उतना दूसरा कोई देश नहीं करता। हम मिलकर उच्च तकनीक विकसित करने के साथ ही भारत में ही उत्पादित भी करते हैं।'
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत-रूस साथ
भारत के लिए आतंकवाद की अहमियत को समझते हुए पुतिन बोले, 'स्वाभाविक तौर पर हम उस हर चीज से चिंतित हैं, जो आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ भी जंग है। इस संबंध में, हम अफगानिस्तान की स्थिति से जुड़े घटनाक्रम के बारे में चिंतित हैं।'
'हमारे संबंध अंतरराष्ट्रीय मित्रता का एक अनूठा और विश्वसनीय मॉडल है'
इससे पहले पीएम मोदी ने पुतिन से बातचीत के दौरान कहा कि 'कोविड की चुनौतियों के बावजूद, भारत-रूस संबंधों के विकास की गति में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है। ' प्रधानमंत्री बोले कि 'पिछले कुछ दशकों में विश्व कई मौलिक बदलावों का गवाह बना है और विभिन्न तरह के जियोपॉलिटिकल समीकरण उभरे हैं, लेकिन भारत और रूस की मित्रता कायम रही है।' पीएम मोदी ने कहा है, 'भारत और रूस के बीच संबंध वास्तव में अंतरराष्ट्रीय मित्रता का एक अनूठा और विश्वसनीय मॉडल है।'
'राष्ट्रपति पुतिन का दौरान छोटा, लेकिन बहुत ही उत्पादक रहा'
बाद में इस सम्मेलन के बारे में विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने प्रेस को जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि 'तथ्य यह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमारे वार्षिक सम्मेलन के लिए भारत आने का फैसला किया है तो यह संकेत है कि वह द्विपक्षीय संबंधों को अहमियत देते हैं और उनका पीएम नरेंद्र मोदी के साथ व्यक्तिगत संबंध भी है।' उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रपति पुतिन का दौरान छोटा है, लेकिन बहुत ही उत्पादक और मौलिक है। दोनों नेताओं के बीच बहुत ही शानदार चर्चा हुई। इस यात्रा के दौरान 28 समझौते/ एमओयू किए गए।' यह समझौते दोनों सरकारों के बीच और बिजनेस संबंधी भी हुए हैं।
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निवेश से लेकर सांस्कृतिक संबंध बेहतर करने पर जोर
उन्होंने बताया है कि पीएम मोदी ने खासकर कोविड महामारी के दौरान रूस में रह रहे भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने वैक्सीन सर्टिफिकेशन के लिए भी आपसी मान्यता को लेकर चर्चा की, ताकि दोनों देशों के नागरिकों के एक-दूसरे के देश की यात्रा सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि इस बातचीत में आपसी व्यापार और निवेश बढ़ाने को लेकर काफी चर्चा हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल हमने आपसी व्यापार में इजाफे का ट्रेंड देखा है और दोनों ने इसे आगे बढ़ते रहने की उम्मीद जताई है। वो बोले कि
'हमने तेल और गैस सेक्टर के अलावा पेट्रोकेमिकल्स में और ज्यादा निवेश की इच्छा जाहिर की है।' इसके अलावा दोनों देशों ने अपने बौद्ध धर्म से जुड़े संबंधों को भी बेहतर करने पर जोर दिया है। रूस में करीब 1.5 करोड़ बौद्ध रहते हैं, ये लोग भारत में तीर्थयात्रा को लेकर इच्छुक रहते हैं। विदेश सचिव के मुताबिक इसलिए सांस्कृतिक सहयोग भी दोनों देशों के बीच बहुत अहम है।