देवयानी के लिये एक हुआ पूरा भारत
देवयानी के अपमान मसले पर संसद भी गूंजा। सभी लोग इस मसले पर एकमत दिखे। ये पहला मौका रहा जब पूरा देश एकमत हो गया। जो राजनीतिक दल हमेशा लड़ते झगड़ते रहते हैं, वो भी इस मसले पर सहमत हो गए। एक-दूसरे के विरोधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा के पीएम कैंडिडेट्स नरेन्द्र मोदी भी इस मसले पर एकजुट दिखे और अमेरिकी राजनायिकों से अपनी मुलाकात को स्थगित कर दिया। बाज जब अपनी महिला राजनायिक की इज्जत से जुड़ी तो सब एक हो गए। देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए राज्यसभा में सदस्यों ने विदेश नीति में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और मांग की कि केंद्र सरकार को इस बारे में समुचित और कठोर कदम उठाना चाहिए। कुछ राजनीतिक दलों के सदस्यों ने अमेरिका को कड़ा संदेश देने के लिए संसद में उसके विरूद्ध एक निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग की तो वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने मांग की कि सरकार यह साफ करे कि वह महिला राजनयिक को इस मामले से बचाने के लिए कौन से विशिष्ट कदम उठा रही है।
संसद से निकल कर ये मसला सड़क तक पहुंच गया। अमेरिकी दूतावास के बाहर राष्ट्रवादी शिवसेना, छात्र संगठन और राजनीतिक दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि अमेरिका देवयानी के मसले पर भारत से माफी मांगे। राजनेताओं के साथ-साथ धार्मिक संगठनों ने भी इस मसलें पर जोरों-शोरों से विरोध किया। वहीं देवयानी का ईमेल मिलने के बाद आईएफएस समिति के पदाधिकारियों ने फैसला किया है कि जब तक अमरीका इस मामले में बिना शर्त माफी नहीं मांग लेता, तब तक केंद्र सरकार पर दबाव बनाया रखा जाएगा। देवायनी के मसले ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया है।