गिलगित बाल्टिस्टान: भारत ने लगाई पाक को फटकार, भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहे पाक- विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) की गिलगित-बाल्टिस्टान को देश के पांचवे प्रांत के रूप में बदलने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के पास ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। साथ ही पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहने को कहा है।
गिलगित बाल्टिस्टान को 5वां प्रांत बनाना चाहता है पाकिस्तान
पाकिस्तान इस समय गिलगित बाल्टिस्टान (Gilgit-Baltistan) को देश का पांचवां प्रांत बनाने के प्रयासों में जुटा हुआ है। इसकी जिम्मेदारी खुद पाकिस्तानी सेना के चीफ कमर जावेद बाजवा ने उठाई है। बाजवा पाकिस्तान के कब्जे वाले इस उत्तरी क्षेत्र को पूर्ण राज्य में बदलने के लिए देश के राजनेताओं और दूसरे लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। पाकिस्तान का ये मास्टर प्लान पिछले हफ्ते ही सामने आया था।
पाकिस्तान की इसी योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 'पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए हुए गिलगित-बाल्टिस्टान की स्थिति को बदलने की किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है। इस तरह की किसी भी कार्रवाई की स्थिति शून्य है।'
PoK भी भारत का हिस्सा- विदेश मंत्रालय
पाक अधिकृत कश्मीर के बारे में बोलते हुए अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी स्थित बिल्कुल साफ और पुराना स्टैंड है। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का पाकिस्तान के पास कोई हक नहीं है।
भारत ने पाकिस्तान को बता दिया है कि गिलगित बाल्टिस्टान समेत सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर और लद्दाख अपने पूर्ण कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के आधार पर भारत का अभिन्न अंग है। भारत इसकी किसी भी स्थिति को बदलने की कोशिश को अपने आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप मानता है।
इमरान कर सकते हैं गिलगित बाल्टिस्तान का दौरा
पाकिस्तान से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही इस कब्जे वाले क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं। जहां वे गिलगित बाल्टिस्टान को पाकिस्तान के पांचवे राज्य के रूप में शामिल किए जाने की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में पाकिस्तान का संविधान भी लागू किया जाएगा। सूत्रों की माने तो पाकिस्तान ने ये चाल चीन के बहकावे में आकर चली है। चीन इस समय अपनी वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव जिसे पाकिस्तान में चीन पाकिस्तान इकॉनॉमिक कोरिडोर (CPEC) कहा जाता है, के जरिए अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। ये कोरिडोर गिलगित बाल्टिस्टान क्षेत्र से होकर गुजरता है। इस क्षेत्र के लोग भी चीन की इस योजना का विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र को पूर्ण राज्य में बदलकर विरोध को पूरी तरह दबा देना चाहता है।
पाकिस्तान ने क्षेत्र में विधानसभा चुनावों का किया ऐलान
इसके साथ ही गिलगित बाल्टिस्टान को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली और सीनेट समेत सभी संवैधानिक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा। वहीं भारत के विरोध के बीच पाकिस्तान में गिलगित बाल्टिस्टान में 15 नवम्बर को विधानसभा चुनाव किए जाने का ऐलान किया है। पहले इन चुनावों को टाल दिया गया था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने बुधवार को गिलगित बाल्टिस्टान में चुनाव की तारीख तय करने को लेकर अधिसूचना जारी की थी।