संयुक्त राष्ट्र में रचिता भंडारी के जवाब से पाकिस्तान के छूटे पसीने, काली करतूतों की कराई गिनती
नई दिल्ली। कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आंतकवाद और जम्मू-कश्मीर को लेकर मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर जब जम्मू-कश्मीर का रोना रोया तो भारत ने भी उसे करारा जवाब दे दिया। भारत की ओर से रचिता भंडारी ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। बुधवार को उन्होंने कहा, क्या पाक इस बात से इंकार कर सकता है कि वह 25 आतंकवादी संस्थाओं का घर है?
भारत की स्थायी दूत हैं रचिता भंडारी
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत की स्थायी दूत रचिता भंडारी ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा, क्या पाक इस बात से इंकार कर सकता है कि यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादी और 25 आतंकवादी संस्थाओं का घर है, और यह कि यह अभियोजित व्यक्ति चुनावों में सक्रिय रूप से अपनी पार्टी का प्रचार किया और चुनाव भी लड़ा।
Right of Reply by India's Rachita Bhandari, Permanent Mission of India, at UN Human Rights Council,Geneva: Can Pak deny that it's home to130 UN designated terrorists&25 terrorist entities listed by UN,&that these proscribed individuals have actively campaigned/contested in polls? pic.twitter.com/KIzV1v8AFy
— ANI (@ANI) March 11, 2020
पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
उन्होंने आगे सवाल किया कि यूएनएससी प्रस्ताव के तहत पाकिस्तान से पहला कदम उठाते हुए पीओके से पीछे हटने को कहा गया है जिसे वह पिछले 7 दशकों से नजरअंदाज करता रहा है, क्या अब पाकिस्तान इस बात को भी नकार देगा? रचिता भंडारी ने जवाब में कहा कि, भारत सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है बल्कि मजबूत कार्यात्मक और जीवंत भी है। भारत को किसी भी विफल देश से सीख लेने की जरूरत नहीं है, जो न तो अपने देश में लोकतंत्र स्थापित कर सका और न ही मानवाधिकारों को सुरक्षित रख सका।
UNHRC की बैठक के दौरान उठा ये मुद्दा
स्विटजरलैंड के जेनेवा में इन दिनों संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 43 सत्र आयोजित हो रहा है। इसी दौरान हजारा समुदाय से जुड़ी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत दखल देने की गुहार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक के दौरान हजारा समुदाय से जुड़ी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता कुर्बान अली ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हजारा अल्पसंख्यकों पर तालिबान, आईएसआईआएस के आतंकी हमलों और दूसरे सुन्नी आतंकी संगठनों की ओर से होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई है।
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