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1971 विजय दिवस: आज भी अपने सैनिकों का इंतजार कर रही है एक टेबल

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पुणे। 16 दिसंबर को भारत-पाकिस्‍तान के बीच हुई तीसरी जंग को 48 साल हो गए हैं। पांच दिसंबर सन् 1971 को भारत-पाकिस्‍तान के बीच तीसरे युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस युद्ध में पाकिस्‍तान ने कई ऐसे सैनिकों को बंदियों बना लिया था जिनका इंतजार आज तक उनके घर वाले कर रहे हैं। इस युद्ध के 48 साल पूरे होने पर आज हम आपको एक ऐसी टेबल की कहानी सुनाते हैं जो आज तक अपने युद्धबंदियों का इंतजार कर रही है।

क्‍या संदेश दे रही है टेबल

क्‍या संदेश दे रही है टेबल

नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए, वह जगह जहां पर देश के लिए उन जाबांजों को तैयार किया जाता है, जिन्‍हें देश की रक्षा और सुरक्षा में अपने प्राण न्‍यौछावर करने होते हैं। युद्धबंदियों के इंतजार में टेबल महाराष्‍ट्र के पुणे जिले के खड़कवासला स्थित इसी एनडीए में आपको एक ऐसी टेबल की कहानी भी सुनने को मिलेगी जो अब तक अपने उन सैनिकों का इंतजार कर रही है जो दुश्‍मन के कब्‍जे में हैं। ये ऐसे युद्धबंदी हैं जिन्‍हें आज देश ने भुला दिया है लेकिन एनडीए के डाइनिंग हॉल में स्थित इस 'बेजान' टेबल को आज भी भरोसा है कि ये वीर सपूत एक दिन अपने देश लौटेंगे।

बेबस सैनिक की याद

बेबस सैनिक की याद

इस टेबल पर एक प्‍लेकार्ड रखा हुआ है जिस पर लिखा है, 'यह टेबल उस एक बेबस सैनिक की याद में है जो जालिमों के खिलाफ खड़ा था।' टेबल आज तक उन सैनिकों का इंतजार कर रही है, जिन्‍हें सन 1971में भारत पाकिस्‍तान के बीच हुए युद्धमें हिस्‍सा लिया था। वे सैनिक जो देश की रक्षा के लिए सीमा पर हर पल तैनात थे लेकिन आज युद्धबंदियों के तौर पर जाने जाते हैं।

क्‍या कहता है टेबल का लाल गुलाब

क्‍या कहता है टेबल का लाल गुलाब

टेबल पर एक गुलाब रखा है जो आज भी उनकी वापसी में यकीन रखते हैं। लाल फीता बंधा है वह उन हजारों लोगों की याद दिलाता है जिन्‍होंने हमेशा गायब हुए सैनिकों की वापसी की मांग की। टेबल पर एक बिना जली हुई मोमबत्‍ती भी है जो बहादुरों की अजेय ताकत का प्रतीक है।

हमेशा रखें उन सपूतों को याद

हमेशा रखें उन सपूतों को याद

ब्रेड प्‍लेट पर नींबू का टुकड़ा सैनिकों के दुर्भाग्‍य को दर्शाता है। ब्रेड पर पड़ा नमक उन तमाम घरवालों के लिए है जो अपने किसी के गायब होने पर आज तक आंसू बहाने पर मजबूर हैं। टेबल पर एक खाली ग्‍लास भी रखा है। कुर्सी है जो पूरी तरह से खाली पड़ी है। इस टेबल पर रखे इस प्‍लेकार्ड में आगे लिखा है कि आप कभी भी उन लोगों को न भूलें जिन्‍हें आप कभी कामरेड बुलाते थे। जिनके साथ आपने कभी देश की सेवा की थी।

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English summary
At the entrance of the dining hall of National Defence Academy (NDA), there is a table set for one and this table is for those personnel who are 1971 war prisoners.
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