समझौता ब्लास्ट, असीमानंद पर भिड़ेंगे भारत-पाकिस्तान
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) नेशनल इंटवेस्टिगेन एजेंसी(एनआईए) समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद की पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट से बेल को चुनौती नहीं देगी। कोर्ट ने इस बाबत 28 अगस्त, 2014 को फैसला सुनाया। पर असीमानंद जेल में रहे। क्योंकि वे हैदराबाद के मक्का मस्जिद धमाके के भी आरोपी है।
पाकिस्तान होगा खफा
जानकार दावा कर रहे हैं कि एनआईए के इस फैसले को पाकिस्तान आगामी समय के दौरान दोनो पड़ोसी मुल्कों के बीच होने वाली बैठक में उठा सकता है। पाकिस्तान विरोध कर सकता है कि इतने भयानक कांड के मुख्य आरोपी की बेल का विरोध क्यों नहीं किया गया भारत में। इस हादसे में मारे गए ज्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे।
2007 का हादसा
आपको याद होगा कि 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस में हुए धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद एनआईए ने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद सहित पांच लोगों के खिलाफ हरियाणा की एक कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था। इसमें कहा गया था कि इन सबने गहरी साजिश रचकर यह धमाका किया।
नरम रुख क्यों
जानकार कह रहे हैं एनआईए के उक्त कदम का तगड़ा विरोध देश के भीतर होना भी तय है। आरोप लगेंगे कि सरकार हिन्दुत्व से जुड़े संगठनों को लेकर नरम रुख अपनाती है।
पाकिस्तानी यात्रा
दरअसल असीमानंद समेत बाकी आरोपियों ने समझौता ट्रेन को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि इसमें यात्रा करने वाले ज्यादातर यात्री पाकिस्तानी होते हैं। ये ट्रेन दिल्ली से लाहौर के बीच में चलती है।