कल करतारपुर कॉरिडोर पर दूसरे दौर की वार्ता, पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को हटाया
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नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान रविवार यानी 14 जुलाई को करतारपुर कॉरिडोर पर दूसरे दौर की वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे। मुलाकात वाघा बॉर्डर पर होगी और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। वहीं एक और खबर जो पाकिस्तान से आ रही है उसके मुताबिक पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से खालिस्तान के समर्थक गोपाल सिंह चावला को हटा दिया है। गोपाल सिंह चावला के नाम पर पिछले कई दिनों से हंगामा जारी था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कदम भारत की ओर से डाले गए दबाव के चलते उठाया है।
क्या होगा वार्ता का एजेंडा
14 जुलाई को जो वार्ता होनी है उसमें कॉरिडोर को लेकर बने ड्रॉफ्ट एग्रीमेंट को ध्यान में रखकर वार्ता को आगे बढ़ाया जाएगा। इस ड्राफ्ट में तीर्थयात्रियों के आने जाने से जुड़ी बातों के अलावा कॉरिडोर के इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में भी कई अहम बिंदु हैं। पहले दौर की वार्ता 14 मार्च को अटारी-वाघा बॉर्डर पर हुई थी। भारत ने पहले दौर की वार्ता के दौरान प्रस्ताव दिया था कि कॉरिडोर को भारतीय नागरिकों और एनआरआई के लिए खोला जाना चाहिए और 5,000 लोगों को रोजाना दर्शन की मंजूरी मिलनी चाहिए। पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव पर कहा था कि सिर्फ 700 तीर्थयात्रियों और वह भी सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही मंजूरी दी जा सकती है। पाक ने इसके लिए भी एक रकम के बाद परमिट देने की बात कही थी। भारत ने कहा है कि 31 अक्टूबर तक इस कॉरिडोर का काम पूरा हो जाएगा।
गोपाल चावला की वजह से टाली गई वार्ता
वार्ता का दूसरा दौर पहले दो अप्रैल को तय हुआ था लेकिन भारत ने इसे टाल दिया था। पाकिस्तान ने उस समय गोपाल चावला को करतारपुर कॉरिडोर के लिए बनी कमेटी में नियुक्त किया था और भारत इस बात से नाराज था। इसी नाराजगी के चलते भारत ने अप्रैल में होने वाली वार्ता को आगे बढ़ा दिया। गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का महासचिव रह चुका है, जिसके तार 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से भी जुड़े रहने की बातें सामने आई हैं। उसे कई मंचों पर हाफिज के साथ देखा गया है। इतना ही नहीं वह भारत के खिलाफ बयानबाजियां भी करता है। 2017 में उसने भारत के पंजाब में खालिस्तानी चरमपंथ को फिर से जिंदा करने की बात कही थी। चावला का नाम नवंबर 2018 में पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के साथ बदसलूकी के मामले में भी सामने आ चुका है।