रिश्वतखोरी में एशिया में भारत टॉप पर, 39% लोगों का बिना रिश्वत नहीं होता काम, जापान लिस्ट में सबसे नीचे
नई दिल्ली। भारत रिश्वतखोरी के मामले में एशिया में नंबर एक हैं। सिर्फ रिश्वतखोरी ही नहीं ये ऐसा देश भी है जहां सरकारी द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को पाने के लिए लोगों को निजी संबंधों का इस्तेमाल करना पड़ता है। ये आंकड़े भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने जारी किए हैं।
ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर (GCP) ने पाया है कि 50 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनसे रिश्वत देने को कहा गया था जबकि 32 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्होंने निजी संबंधों का इस्तेमाल किया। इन लोगों का कहना था कि अगर वे ऐसा न करते तो उनका काम न होता।
जापान
में
सबसे
कम
घूसखोरी
भारत
के
बाद
कम्बोडिया
दूसरा
ऐसा
देश
हैं
जहां
रिश्वतखोरी
की
दर
सबसे
ज्यादा
(37%)
है।
इसके
बाद
इंडोनेशिया
(30%)
तीसरे
नंबर
हैं।
जापान
रिश्वतखोरी
की
दर
सबसे
कम
(2%)
है।
कम
रिश्वतखोरी
वाले
दूसरे
देशों
में
दक्षिण
कोरिया
(10%)
और
नेपाल
(12%)
है।
ट्रांसपैरेंटी इंटरनेशनल ने ये सर्वे 17 जून से 17 जुलाई के बीच किया था। इस सर्वे में भारत में 2000 लोगों ने हिस्सा लिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक कि 39 प्रतिशत की दर के साथ भारत इस क्षेत्र (एशिया) में सबसे अधिक रिश्वत दर वाला देश है जहां सरकारी सेवाओं को पाने के लिए लोग सबसे अधिक (46%) निजी संबंधों का इस्तेमाल करते हैं।
सरकारी
सेवाओं
में
भ्रष्टाचार
सरकारी
सेवाओं
में
रिश्वत
भारत
में
बढ़ती
ही
जा
रही
है।
धीमी
और
उबाऊ
ब्यूरोक्रेसी
के
साथ
ही
लाल
फीताशाही
के
चलते
आज
भी
देश
में
लोगों
को
दफ्तरों
में
किसी
काम
के
लिए
बार-बार
भटकना
पड़ता
है
जिसके
चलते
लोग
रिश्वत
देने
के
लिए
मजबूर
होते
हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "सार्वजनिक सेवाओं के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, रिश्वतखोरी और भाई-भतीजावाद पूरी तरह से घुसा हुआ है। इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से जनता के मुताबिक अनुकूल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने की आवश्यकता है।"
भारत में रिश्वत के मामलों को रिपोर्ट करना बहुत ही मुश्किल भरा काम है। करीब 63 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अगर वे भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत करेंगे तो उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाइलैंड जैसे देशों में सेक्स को लेकर जबरन वसूली की दर भी बहुत अधिक है। ऐसे में इस तरह के भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के बहुत ही अधिक जरूरत है। सेक्सुअल जबरन वसूली के तहत ऐसे मामले आते हैं जिनमें किसी की निजी यौन क्रियाओं जैसे सेक्स वीडियो या अंतरंग तस्वीरों को सामने लाने की धमकी देकर यौन संबंध बनाने या पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता है।
63
प्रतिशत
लोगों
का
सरकार
पर
भरोसा
सर्वे
में
89
प्रतिशत
लोगों
ने
माना
कि
देश
में
सरकारी
भ्रष्टाचार
सबसे
बड़ी
समस्या
है।
18
प्रतिशत
लोगों
ने
वोट
के
लिए
रिश्वत
की
बात
स्वीकार
की
जबकि
11
प्रतिशत
लोगों
ने
माना
कि
उन्हें
सेक्स
को
लेकर
पैसे
देने
पड़े
या
फिर
ऐसा
करने
वाले
किसी
व्यक्ति
को
वे
जानते
हैं।
देश में 63 प्रतिशत लोगों ने माना कि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है जबकि 73 प्रतिशत लोगों ने सरकारी एजेंसियों को इस बारे में ठीक काम करने का श्रेय दिया।
ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 17 देशों में सर्वे किया जिसमें कुल 20000 लोगों ने हिस्सा लिया था।
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