समुद्री जहाजों को हाईजैक कर 26/11 जैसे हमले की फिराक में लश्कर और जैश के आतंकी
नई दिल्ली। मुंबई को एक फिर दहलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी समुद्री रास्तों से भारत में घुसपैठ करने की फिराक में है। पाकिस्तान की हर गतिविधियों पर ध्यान रखने वाले और काउंटर-टेररिज्म अधिकारियों ने इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड को पोर्ट्स, कार्गो शिप और ऑयल टैंकर्स पर नजर रखने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान से लश्कर के आतंकी सीमा पार से पिछले करीब पांच महीने से घुसपैठ की फिराक में लगे हुए हैं। देश की इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड को 7,517 किमी लंबी सीमा पर सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
समुद्री रास्तों से घुसपैठ की तैयारी
इंग्लिश डेली हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर के अलावा जैश-ए-मोहम्मद ने भी भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकियों को खतरनाक ट्रेनिंग के अलावा स्विमिंग और डीप डायविंग जैसी टेक्नीक सीखाई जा रही है। समुद्री रास्तों से होकर भारत में घुसपैठ करना लश्कर के लिए कोई नई बात नहीं है। हालांकि, वे पहले की तुलना मे इस बार ज्यादा उत्साहित लग रहे हैं। 26/11 हमले के आरोपी डेविड हेडली ने 2010 में नेशनल इन्विस्टीगेशन एजेंसी ने याकूब नाम के जिहादी का नाम बताया था, टेरर ग्रुप के मरीन विंग का हेड था। हेडली ने यह भी कबुला था कि 26/11 अटैक में 10 आतंकी भी शामिल थे, जिन्होंने पाकिस्तान से ट्रेनिंग ली थी।
डीप डायविंग की तकनीक सीख रहे आतंकी
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
पाकिस्तान
में
लश्कर
के
सहयोगी
संगठन
फलाह-ए-इंसानियत
फाउंडेशन,
अल-दावा
वॉटर
रेस्क्यू,
लाइफ
लाइन
वॉटर
रेस्क्यू
और
रेस्क्यू
मिली
फाउंडेशन
लाहौर,
शैखपुर
और
पंजाब
के
फैसलाबाद
में
जून
2018
से
आतंकी
को
स्वीमिंग
पूल
और
नहरों
में
डीप
डायविंग
की
तकनीक
सीखाई
जा
रही
है।
भारत
में
समुद्री
रास्तों
से
घुसपैठ
करने
वाले
आतंकियों
पानी
में
कूदने
और
लंबी
स्विमिंग
करने
की
ट्रेनिंग
दी
रही
है।
जैश का 'समुंद्री जिहाद'
रिपोर्ट्स की मानें तो लश्कर के आतंकी कार्गो शिप या ऑयल टैंकर्स को हाईजैक भारतीय बंदरगाहों पर अटैक कर सकते है या अंतर्देशीय जल चैनलों से आत्मघाती हमलावर घुसपैठ कर सकते हैं। उधर जैश भी अपने आतंकी को पाकिस्तान के भावलपुर में ट्रेनिंग दे रहा है और भारत में घुसपैठ करने के लिए अपने लोगों को पानी में कूदने की ट्रनिंग दी जा रही है। जैश इन दिनों लैंड जिहादी से ज्यादा 'समुंद्री जिहाद' पर ज्यादा फोकस कर रहा है।
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