चीन ने भारतीय नौसेना को बताया लापरवाह, इंडियन नेवी ने ऐसे दिया जवाब
नई दिल्ली। भारत की ओर से चीनी मीडिया के उस आर्टिकल का जवाब दिया गया है जिसमें भारतीय नौसेना (Indian Navy) की आलोचना की गई थी। पिछले दिनों एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर लगी आग के बाद चीनी मीडिया में नौसेना की आलोचना करने वाला एक आर्टिकल आया था। इस आर्टिकल में एक मिलिट्री एक्सपर्ट के हवाले से लिखा गया था कि भारतीय नौसेना ने अपनी पिछली गलितयों से कुछ नहीं सीखा है। पिछले दिनों हुई इस दुर्घटना में इंडियन नेवी के एक ऑफिसर शहीद हो गए थे।
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इंडियन नेवी ने बरकरार रखी है दक्षता
आर्टिकल ग्लोबल टाइम्स में आया था जिसमें एक मिलिट्री एक्सपर्ट ली जाई का हवाला दिया गया था। चीनी मीडिया को जवाब देते हुए भारत ने कहा है, 'अग्रिम पंक्ति में एयरक्राफ्ट कैरियर से लेकर परमाणु पनडुब्बियों के संचालन के दौरान सर्वोच्च स्तर की दक्षता को बराकरार रखने के लिए भारतीय नौसेना को खुद पर गर्व है।' नेवी के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा की ओर से कहा गया है कि नौसेना की ताकत पूर्व में हुई घटनाओं से सही सबक को पहचानने और उसे सही तरीके से लागू करने में भी पता लगती है।
चीनी नेवी की सालगिरह पर भारत ने लिया हिस्सा
चीनी मीडिया में यह आर्टिकल तब आया था जब नौसेना के अग्रिम पंक्ति के दो जहाज जिसमें चीनी नौसेना की 70वीं सालगिरह पर हिस्सा लेने के लिए किंगदाओ गए थे। इनमें से एक आईएनएस कोलकाता था। ये दोनों जहाज पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी-नेवी (प्लान) की सालगिरह पर आयोजित परेड के मौके पर दोनों इसका अहम हिस्सा थे। शुक्रवार को आईएनएस विक्रमादित्य पर कर्नाटक के कारवार में आग लग गई थी। इस घटना में लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान शहीद हो गए थे। नेवी की ओर से कहा गया था कि आग पर काबू पा लिया गया था और वॉरशिप की युद्धक क्षमता पर कोई खासा असर नहीं पड़ा।
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चीन ने कहा लापरवाह है इंडियन नेवी
जाई ने ग्लोबल टाइम्स को कहा था कि आग किसी मैकेनिक समस्या की वजह से नहीं लगी थी बल्कि यह एक मानवीय भूल थी। आग और इसे बुझाने की प्रक्रिया से समझ आता है कि इंडियन नेवी इस तरह की आपदाओं से निबटने के लिए तैयार नहीं है। ली ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में काफी सक्रियता से अपनी सेनाओं का विकास किया है। लेकिन इसके मिलिट्री कल्चर में नियमों की कमी है और काफी लापरवाही है। इसकी वजह से भारत अपने सैनिकों को एडवांस्ड मिलिट्री उपकरणों को ऑपरेट करने की प्रभावी ट्रेनिंग देने में सक्षम नहीं हो सका है।
ले. कमांडर चौहान ने बचाई थी 1500 की जान
एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य जिस समय बंदरगाह में दाखिल हो रहा था, उसी समय इसमें आग लग गई। इस आग को बुझाने में लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान शहीद हो गए। सिर्फ 30 वर्ष के लेफ्टिनेंट कमांडर चौहान एयरक्राफ्ट कैरियर पर सवार 1500 नौसैनिकों की जान बच गई। इंडियन नेवी ने बहादुर लेफ्टिनेंट कमांडर चौहान के जज्बे को सलाम किया है और कहा है कि नौसेना हर पल उनके परिवार के साथ रहेगी।
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