ओडिशा के आसपास तूफानी हलचल जारी, IMD ने कही बड़ी बात
नई दिल्ली। कोरोना संकट से जूझ रहे भारत में एक के बाद एक प्राकृतिक आपदाओं ने भी कहर बरसाया हुआ है, 'अम्फान' और 'निर्सग' तूफान की मार सह चुके देश के लिए ओडिशा के समुद्र में उठ रही चक्रवाती लहरें परेशानी बन सकती हैं, दरअसल मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा के अंदरूनी इलाकों और आसपास के क्षेत्रों में समुद्री क्षेत्र में 2.1 किमी से 5.8 किमी के बीच दक्षिण पश्चिम की ओर झुकाव वाला चक्रवात बनता दिखाई दे रहा है।
ओडिशा के आसपास तूफानी हलचल जारी
जबकि समुद्र तल पर बना ट्रफ उत्तर-पश्चिम राजस्थान से लेकर, उत्तर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों, झारखंड के दक्षिणी भागों और ओडिशा के उत्तरी भागों में बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी तक जाता है और समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक है, फिलहाल इसकी स्थिति अगले दो दिनों में ही स्पष्ट हो पाएगी, फिलहाल मौसम विभाग की नजर इस हलचल पर बनी हुई है।
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तूफान 'अम्फान' ने जबरदस्त तबाही मचाई थी
मालूम हो कि पिछले महीने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने जबरदस्त तबाही मचाई थी, इस तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में 85 लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों का आर्थिक नुकसान भी हुआ था, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि ये कोरोना से भी भारी तूफान था, जिसने राज्य को काफी नुकसान पहुंचाया था। मौसम विभाग ने इसे 21 साल में आया सबसे भयंकर चक्रवात माना था। 1999 में आए तूफान के बाद यह पहला सुपर साइक्लोन था।
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चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' से भी हुआ था बड़ा नुकसान
तो वहीं जून के पहले हफ्ते में अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' ने काफी तबाही मचाई थी । 2 जून को इस तूफान की वजह से महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई थी। यह तूफान मुंबई भी पहुंचा और कई घरों पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, इसमें तीन लोगों की मौत भी हो गई थी, विभाग ने कहा कि पिछले सवा सौ सालों में मुंबई आया यह सबसे भयंकर तूफान था। 'निसर्ग' के कारण महाराष्ट्र, गोवा-कोंकण और गुजरात में काफी बारिश हुई इसका असर एमपी पर भी रहा, वहां भी दो दिन काफी बारिश हुई थी।
क्यों आते हैं 'चक्रवात'?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है. जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे चक्रवात कहते हैं।