पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों के खिलाफ मिल सकेगी अमेरिकी ड्रोन की मदद!
भारत को अमेरिका से ऐसे ड्रोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है जो सेनाओं की क्षमता में इजाफा कर सकते हैं। साथ ही सेनाओं की हमला करने की ताकत में एक बड़ा बदलाव भी ला सकते हैं।
नई दिल्ली। भारत को अमेरिका से ऐसे ड्रोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है जो सेनाओं की क्षमता में इजाफा कर सकते हैं। साथ ही सेनाओं की हमला करने की ताकत में एक बड़ा बदलाव भी ला सकते हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत न सिर्फ इन ड्रोन का प्रयोग चीन और पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशंस में कर सकता है बल्कि आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन में भी इनका प्रयोग हो सकता है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से ड्रोन के निर्यात पर नई नीति बनाई गई है। इस नीति के तहत ही इन ड्रोन को खरीदने का रास्ता साफ हो सका है।
ट्रंप प्रशासन की नई नीति लेकिन कुछ नियम भी
ट्रंप प्रशासन की ओर से यह नई नीति ठीक उस एक दिन के बाद आई है जिसके तहत डोनाल्ड ट्रंप ने साथी देशों को ड्रोन बेचने के लिए लंबी प्रक्रिया को छोटा करने का वादा किया था। आतंकियों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन को काफी प्रभावशाली हथियार माना जाता है। इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अगर भारत इसे खरीदने का निर्णय लेता है तो नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूद आतंकियों के लॉन्च पैड्स को खत्म करने के लिए ड्रोन का प्रयोग आसानी से कर सकेगा। हालांकि ट्रंप प्रशासन की ओर से कुछ नियम भी लागू किए हैं। इन नियमों में सबसे ऊपर है कि अमेरिकी ड्रोन का प्रयोग किसी भी तरह की गैरकानूनी सेनाओं या फिर गैर-कानूनी तरीके से होने वाली जासूसी के लिए नहीं होगा। इस नई नीति में यह भी कहा गया है कि सेनाएं ड्रोन का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही कर सकेंगी। अभी तक भारतीय सेना के पास इजरायल में बने हुए ड्रोन हैं। भारत और अमेरिका के बीच फिलहाल गार्डियन ड्रोन को लेकर डील अटकी हुई है और बताया जा रहा है कि इनकी कीमत करीब दो बिलियन डॉलर है।