पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित बोले, भारत जानता है क्यों कुलभूषण जाधव को दी फांसी की सजा
नई दिल्ली। पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने एक हिंदी समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि कुलभूषण जाधव को फेयर ट्रायल के बाद ही फांसी की सजा फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने दी है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने एक हिंदी समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि कुलभूषण जाधव को फेयर ट्रायल के बाद ही फांसी की सजा फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने दी है।
भारत सब जानता है
उन्होंने कहा कि भारत जानता है कि कुलभूषण जाधव को क्यों फांसी की सजा दी गई है और पाकिस्तान किस बारे में बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी को पब्लिक नहीं किया जा सकता है पर भारत सब जानता है। इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में अब्दुल बासित ने कहा कि कुलभूषण जाधव कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है। वो भारतीय नेवी के लिए काम कर चुका है। इसलिए उन्होंने इस मामले में पहले मिलिट्री कोर्ट में अपील कि ऐसा पहले बहुत से पाकिस्तानी भी उनसे पहले कर चुके हैं।
आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का आरोप
कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया गया था। कुलभूषण जाधव पर आरोप है कि उन्होंने बलूचिस्तान में काउंटर इंटेलीजेंस ऑपरेशन चलाया और साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी-षडयंत्र किया। उनके ऊपर भारत के लिए जासूसी करने के साथ-साथ पाकिस्तान की एकता और आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का काम भी किया है।
फर्जी पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्राएं करने का आरोप
जाधव को फांसी दिए जाने का समर्थन करते हुए अब्दुल बासित ने कहा कि कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनकी तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर 100 से ज्यादा ऑपरेटिव को पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया है। जब अब्दुल बासित से पूछा गया कि कुलभूषण जाधव को क्यों भारत की तरफ से कांसुलर की मदद लेने नहीं दी जा रही है। तो बासित ने कहा कि कांसुलर की मदद अपने आप नहीं दी जा सकती है और जब मामल बहुत संवेदनशील और सुरक्षा से संबंधित हो, तो बिल्कुल ऐसा नहीं हो सकता है। अब्दुल बासित ने कहा कि कमांडर जाधव वर्ष 2003 से पाकिस्तान आ रहे थे और उनके पासपोर्ट पर फर्जी नाम मुबारक हुसैन पटेल लिखा हुआ था। अब आप हमें बताइए कि वो फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर क्यों पाकिस्तान आ रहे थे।
सिंतबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा काउंसिल में सौंपा
कुलभूषण जाधव और अजमल कसाब के मामले की बात पर उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमले मामले में अगर कसाब को देर से फांसी दी गई तो यह पाकिस्तान की गलती नहीं है। बासित ने बताया कि कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान ने पहले एक डोजियर सिंतबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा काउंसिल में सौंपा था। वो हमारा शुरुआती डोजियर था और बाद में हमने सुबूत जुटाए।
उनके पास अपील करने का अधिकार
उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव को अब सजा दी जा चुकी है। उनके पास अपील करने का अधिकार है। अगर फैसले पर पर रोक लगती है तो उनके पास दया याचिका दाखिल करने का भी अधिकार है। उन्होंने बताया कि जाधव को एक वकील उपलब्ध कराया गया था जिसका ट्रायल पाकिस्तान आर्मी एक्ट 1952 के कानून के तहत किया गया।