रक्षा सहयोग पर भारत-जापान ने मिलाया हाथ, चीन की टेंशन बढ़ी
दोनों मंत्रियों ने जापान-भारत-अमेरिका के बीच जुलाई 2017 में हुए त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास की सफलता पर संतोष जताया और आगे इस तरह के युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को बढ़ाने पर बल दिया
नई दिल्ली। भारत और जापान के बीच दोहरे उपयोग वाली टेक्नोलॉजी सहित रक्षा के मसले पर सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति बनी है। बुधवार को रक्षा मंत्री की हैसियत से जापान गए अरुण जेटली और उनके जापानी समकक्ष इत्सुनोरी ओनेडेरा के बीच तोक्यो में कई मुद्दों पर बातचीत हुई। बातचीत में भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति बनी है। भारत और जापान के बीच ये सहमति तब बनी है जब साउथ चाइना सी को लेकर चीन की दावेदारी बढ़ती जा रही है।
दोनों देशो के मंत्रियों ने जापान-भारत-अमेरिका के बीच जुलाई 2017 में हुए त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास की सफलता पर संतोष जताया और आगे इस तरह के युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को बढ़ाने पर बल दिया। दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि ओनोडेरा ने 2018 के मालाबार युद्धाभ्यास के अगले संस्करण में पी-1 सहित अत्याधुनिक जापानी उपकरणों के भाग लेने की मंशा जताई और अरुण जेटली ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत-जापान वार्षिक रक्षा मंत्री वार्ता के तहत हुई जिसमें जल-थल-आकाश में चलने वाले विमान का मुद्दा भी उठा। इसी महीने प्रस्तावित जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा से पहले भारत और जापान ने आतंकवाद निरोधक सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जतायी है। इसके अलावा दोनों देशों की नौसेना, वायुसेना और थलसेना के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। भारत और जापान ने सामूहिक रूप से उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की निंदा की है। भारत-जापान की ओर से एक संयुक्त बयान जारी कर इसकी निंदा की गई।