'2+2' वार्ता: भारत-जापान ने कहा, आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे पाक
नई दिल्ली। भारत और जापान के बीच होने वाली 2+2 वार्ता के तहत जापानी विदेश मामलों के मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और जापानी रक्षा मंत्री तारो कोनो शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। पीएम मोदी ने इस मुलाकात के बाद कहा कि हिंद महासागर में शांति, समृद्धि और स्थिरता की मुख्य चाबी भारत-जापान संबंध हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वह और जापानी पीएम शिंजो आबे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को बेहद महत्व देते हैं। नयी 'टू-प्लस-टू' रूपरेखा के तहत भारत-जापान के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की वार्ता मोदी और एबे द्वारा पिछले वर्ष 13वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान किये गये एक निर्णय के बाद हो रही है।
भारत-जापान 2+2 विदेश व रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, 'मंत्रियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के खिलाफ मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझीदारी की जरूरत पर दिया जोर।' विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान में संचालित आतंकवादी ठिकानों से क्षेत्रीय शांति के सामने कायम खतरे पर चिंता प्रकट की। दोनों देशों ने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा कि वह अपने यहां के टेरर नेटवर्क्स पर 'ठोस और निर्णायक' कार्रवाई करे।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा,दोनों देशों ने पाकिस्तान सरकार से विशेष तौर पर आंतकवाद से निपटने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए वादों पर पूरी तरह खरा उतरने को कहा जिनमें वैश्विक आतंक रोधी संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सुझाए कदम भी शामिल हैं।
Jt Statement after India-Japan 2+2 Foreign&Def Ministerial Meeting:Ministers called upon all countries take resolute action in rooting out terrorist safe havens&infrastructure,disrupting terrorist networks&eliminating financing channels&halting cross-border movement of terrorists https://t.co/MAmphbCEsZ
— ANI (@ANI) November 30, 2019
भारत-जापान के साझे बयान में कहा गया, मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर किसी भी रूप में आतकंवादी हमले के लिए नहीं होने देंगे। वो अपने यहां आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगाह विकसित नहीं होने दें। दोनों देशों ने अंतराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों के इन्फ्रस्ट्राक्चर, उनके नेटवर्क्स, उनके फंडिंग चैनल्स को ध्वस्त करने के साथ-साथ आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों पर रोक लगाने का आह्वान किया।