कोरोना वैक्सीन तैयार करने को लेकर रूस के संपर्क में भारत, ब्राजील भी कर रहा बात
नई दिल्ली। भारत कोरोना वैक्सीन तैयार करने के लिए रूस से बातचीत कर रह है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत और ब्राजील सहित कई देश कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन करने को लेकर हमारे संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 20 देशों से हमें कोरोना वैक्सीन से लिए कहा गया है। वहीं पांच देशों ने इस पर रूस के साथ काम शुरू कर भी दिया है। आरडीआईएफ लगातार कोरोना वैक्सीन को लेकर काम कर रहा है और वैक्सीन बनाने को लेकर कई दावे उसकी ओर से हुए हैं।
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किरिल ने कहा कि हमारे विदेशी भागीदार अपने देशों में कोरोना का टीका तैयार करने के लिए काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ब्राजील, भारत और कई अन्य देश रूसी टीके का उत्पादन अपने देश में करना चाहते हैं, जो दुनिया में पहला टीका है। रूस ने कहा है कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में 100 फीसदी सफल रही है। इस वैक्सीन को रूस रक्षा मंत्रालय और गमलेया नैशनल सेंटर फॉर रिसर्च ने तैयार किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि समीक्षा के परिणामों से यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि वैक्सीन लगने की वजह से लोगों के अंदर मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित हुई है। किसी भी वॉलेंटियर के अंदर कोई भी नकारात्मक साइड इफेक्ट या परेशानी नहीं आई।
रूस की ओर से बताया गया है कि यह ट्रायल 42 दिन पहले शुरू हुआ था। उस समय वॉलेंटियर्स को मास्को के बुरदेंको सैन्य अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी। ये लोग सोमवार को दोबारा अस्पताल आए और उनकी सघन जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि सभी लोगों में कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा हुई है। रूस ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह दुनिया का पहला टीका है।
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