चीन को जवाब देने के लिए हिंद महासागर पर पहुंची 17 देशों की वॉरशिप्स, मिलान 2018 के लिए पोर्ट ब्लेयर में इकट्टा
इंडियन नेवी इस समय एक हफ्ते तक चलने वाली नौसैनिक एक्सरसाइज मिलान 2018 का आयोजन कर रही है। अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में हो रहे इस युद्धाभ्यास में इस समय 16 देशों के नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत और उसका दमखम देखने को मिलेगा।
पोर्ट ब्लेयर। इंडियन नेवी इस समय एक हफ्ते तक चलने वाली नौसैनिक एक्सरसाइज मिलान 2018 का आयोजन कर रही है। अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में हो रहे इस युद्धाभ्यास में इस समय 16 देशों के नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत और उसका दमखम देखने को मिलेगा। दिलचस्प बात है कि हिंद महासागर में बढ़ते तनाव के बीच ही इस एक्सरसाइज का आयोजन किया जा रहा है। एक तरफ जहां चीन हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी ओर, मालदीव और श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है। जहां मालदीव राजनीतिक संकट के बीच इस एक्सरसाइज में शामिल नहीं है तो वहीं श्रीलंका में मुसलमान विरोधी दंगों की वजह से कर्फ्यू के हालात हैं और इमरजेंसी लगा दी गई है।
मिलान
एक्सरसाइज
का
10वां
संस्करण
कुल
28
वॉरशिप्स
इस
एक्सरसाइज
में
दुनिया
की
28
वॉरशिप्स
हिस्सा
ले
रही
हैं।
ऑस्ट्रेलिया,
बांग्लादेश,
इंडोनेशिया,
मलेशिया,
म्यांमार,
सिंगापुर,
श्रीलंका
और
थाइलैंड
जैसे
देशों
से
17
वॉरशिप्स
इस
अभ्यास
के
लिए
आई
हैं।
यह
मिलान
2018
का
10वां
संस्करण
है
और
इसका
मकसद
हिंद
महासागर
क्षेत्र
में
आपसी
सहयोग
को
क्षेत्रीय
सहयोग
को
बढ़ाना
और
समुद्री
मार्ग
में
अवैध
गतिविधियों
से
लड़ना
है।
इंडियन
नेवी
के
एक
सीनियर
ऑफिसर
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
वॉरशिप्स
के
अलावा
16
देशों
के
39
प्रतिनिधि
भी
शामिल
होंगे।
इस वॉर एक्सरसाइज की शुरुआत साल 1995 में शुरू होने के बाद यह सबसे बड़ा अभ्यास साबित होगा। नेवी सूत्रों की मानें तो देशों के प्रतिनिधि क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करेंगे और चीन के बढ़ते दबदबे पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा यह एक्सरसाइज नौसेनाओं के बीच प्रोफेशनल व्यावहारिकता को भी बढ़ावा देगी। माना जा रहा है कि मिलान के दौरान नौसेना प्रमुख साउथ चाइना सी पर बढ़ते चीन के के दबाव पर भी चर्चा करेंगे। पिछले दिनों दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम के दौरान नौसेना प्रमुख ने कहा उन्हें हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों के बारे में बहुत अच्छे से जानकारी है।