सोशल मीडिया के जरिए फर्जी खबरें फैलाने वाली कंपनियों के हेड्स पर दर्ज होगा केस! राजनाथ सिंह को सौंपी रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत में बड़ी ग्लोबल इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों के प्रमुखों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ग्लोबल इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों के प्रमुखों को फेक न्यूज फैलाने के मामले में आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। खबर है कि इसकी मांग एक सरकारी समिति ने की है।
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ऐसी कंपनियों के प्रमुखों को इस कार्रवाई का सामना उनके प्लैटफॉर्म्स की मदद से फेक न्यूज और भड़काऊ अभियान चलाए जाने के कारण करना पड़ सकता है। हाल के दिनों में लिंचिंग और कई दंगों फैलाने में ऐसे प्लैटफॉर्म्स की भूमिका सामने आई है। गृह सचिव राजीव गाबा के नेतृत्व वाली अंतर-मंत्रालयी समिति ने इस मामले में एक रिपोर्ट गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी है। वहीं, समिति के अन्य सदस्यों ने हाल के दिनों में लिंचिंग के लिए इंटरनेट प्लेटफॉर्म की भूमिका को महत्वपूर्ण पाया है।
समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ऐसे पहलुओं पर विचार किया गया कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज या ऐसे कोई संदेश न फैलें जिसके कारण माहौल तनावपूर्ण हो जाए। हालांकि ये कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया कंपनियों के मालिकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को लेकर सुझाव दिया गया है और इसपर अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। मंत्रिमंडल द्वारा जो रिपोर्ट पेश की जाएगी, उसके बाद इसपर आखिरी फैसला पीएम मोदी लेंगे। बता दें कि आईटी कंपनियों पर फेक न्यूज के मामले में पहले ही कारर्वाई करने की बात केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कर चुके हैं।
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