WEF की कॉम्पिटिटिव लिस्ट में भारत को 10 पायदान का नुकसान, शीर्ष पर सिंगापुर
नई दिल्ली। हर वर्ष जारी होने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की कॉम्पिटिटिव लिस्ट में भारत 10 पायदान फिसल कर 68वें स्थान पर आ गया है। कॉम्पिटिटिव इकोनॉमी लिस्ट में भारत की गिरावट कई अन्य देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार की वजह से हुआ। वहीं अमेरिका को पछाड़ते हुए सिंगापुर शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। अमेरिका की रैंकिंग में गिरावट का मुख्य कारण ट्रेड वॉर बताया जा रहा है।
10 पायदान नीचे गिरने से पहले भारत का स्थान 58वां था जो अब 68वां स्थान हो गया है। कॉम्पिटिटिव लिस्ट में भारत को 10 पायदान का नुकसान मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है हालांकि लिस्ट जारी करते हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि भारत अभी भी आर्थिक स्थिरता बनाए हुए है और यह अच्छी स्थिति में है। इसके साथ ही फोरम ने यह भी संकेत दिया कि भारत का बैंकिंग सेक्टर बैड लोन के बुरे दौर से गुजर रहा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की अन्य लिस्ट में भारत के लिए संतोष जनक खबर है। कॉरपोरेटिव गवर्नेंस की बात करें तो भारत यहां 15वें स्थान पर है जबकि शेयरहोल्डर गवर्नेंस के मामले में भारत दूसरे पायदान पर है। वहीं मार्केट साइंस के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत तीसरे पायदान पर है।
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भारत का सबसे खराब प्रदर्शन जीवन प्रत्याशा के मामले में रहा, यहां भारत को 109वां स्थान मिला। इस लिस्ट में 141 देशों को शामिल किया गया था इससे पता चलता है कि भारत जीवन प्रत्याशा के मामले में विश्व के दूसरे देशों से बहुत पीछे है। वल्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत को और काम करने की जरूरत है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था समकालिक नरमी से गुजर रही है जिसका असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ा है। आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना ने विश्व बैंक की सालाना बैठक में कहा कि नरमी के कराणों से इस वर्ष वृद्धि दर दशक के सबसे निचले स्तर पर रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि, करीब 40 उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है।