भारत ने नहीं भेजा पाकिस्तान को बातचीत का संदेश, इमरान खान के एनएसए का बयान काल्पनिक: विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हमारी ओर से पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं भेजा गया है और ना ही बातचीत शुरू करने के लिए ख्वाहिश का इजहार किया है। इसको लेकर हो रही बातों में कोई सच्चाई नहीं है। भारत का ये बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उस इंटरव्यू को लेकर आया है। जिसमें पाक एनएसए डॉ मोइद यूसुफ ने कहा है कि भारत की तरफ से पाक को संदेश भेजा गया है जिसमें उन्होंने बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा, हमने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी के साक्षात्कार से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत की ओर से बातचीत शुरू करने को लेकर मैसेज भेजे गए हैं। उनका बयान काल्पनिक, गुमराह करने वाले और तथ्यों से परे हैं। हमेशा की तरह पाकिस्तान घरेलू नाकामियों को छिपाने के लिए और अपनी जनता को गुमराह करने के लिए भारत का नाम ले रहा है। ये पाक अधिकारी अपनी सलाह को अपनी सरकार तक रखें और भारत की घरेलू नीतियों पर टिप्पणी करने से बचें।
हाल ही में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा को जोड़ने वाले 44 पुलों का उद्घाटन किया था। भारत के इस प्रोजेक्ट पर चीन ने आपत्ति जताई थी। जिस पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू और कश्मीर भारत के अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे। अरुणाचल प्रदेश पर हमारी स्थिति भी कई बार स्पष्ट की गई है। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग है। इस तथ्य को कई अवसरों पर चीनी पक्ष को भी स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया है।
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