बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए भारत ने श्रीलंका को दी 15 मिलियन डॉलर की सहायता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ अनेक विषयों पर बातचीत की। दोनों देशों के बीच बाइलैटरल वर्चुअल समिट का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की पड़ोसी पहले की नीति को दोहराया। उन्होंने कहा की श्रीलंका से संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं। दोनों देशों के संबंध हजारों साल पुराने हैं।
इस बैठक पर आधिकारिक बयान जारी कर विदेश मंत्रालय के हिंद महासागर क्षेत्र प्रभाग के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने कहा, भारत-श्रीलंका वर्चुअल समिट के दौरान हमारे पीएम ने दोनों देशों के बीचे बौद्ध धर्म के रिश्ते को मजबूत करने के लिए 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर की पहली उद्घाटन उड़ान में भारत श्रीलंका के बौद्ध तीर्थ यात्रियों के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा को सुविधा प्रदान करेगा।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि, कोरोना के प्रतिबंधों के बावजूद एक सफल वर्चुअल समिट द्विपक्षीय रिश्तों को आगे ले जाने की नेताओं की प्रतिबद्धिता का दर्शाती है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और श्रीलंका द्विपक्षीय वित्तीय सहयोग को मजबूत करने के कि दिशा में काम कर रहे हैं। भारत ने आर्थिक सुधार में सहायता करने और कोरोना संबंधित विवादों से निपटने के लिए श्रीलंका के सेंट्रल बैंक में 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा का विस्तार किया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, बातचीत के दौरान श्रीलंका के पीएम राजपक्षे ने जाफना में भारत की मदद से बनाए गए सांस्कृतिक केंद्र का विशेष जिक्र किया। यह केंद्र लगभग तैयार है और श्रीलंका के पीएम ने पीएम मोदी को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को उम्मदी है कि कुछ उत्पादों के आयात पर श्रीलंकाई पक्ष द्वारा लगाए गए अस्थायी प्रतिबंधों में जल्द ही ढील दी जाएगी।
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