भारत में हर दिन पैदा होता है 26000 टन प्लास्टिक कचरा, लिस्ट में टॉप पर हैं ये शहर
नई दिल्ली। भारत में प्लास्टिक वेस्टज की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में तो कुछ स्थानों में सैकड़ों हजारों टन प्लास्टिक का ढेर जमा हो गया है। अभी जो रिपोर्ट सामने आ रही है कि उसके हिसाब से भारत में हर दिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। इसमें 40 प्रतिशत ऐसे प्लास्टिक होते हैं जो पानी के साथ नदियों तक पहुचते हैं जिससे उनको पाना की दूषित होता है।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालता प्लास्टिक
इसके अलावा ये प्लास्टिक आवारा पशुओं के अलावा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ये तथ्य केंद्र की ओर से आया है जिसमें राज्यों से कहा गया है कि वो सिंगल प्लास्टिक के उपयोग पर चरणबद्ध तरीके से प्लान बनाए क्योंकि ये प्लास्टिक न तो बायोडिग्रेडेबल होते हैं और न ही दोबार उपयोग के लायक होते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि कुल प्लास्टिक कचरे का लगभग एक-छठा हिस्सा 60 प्रमुख शहरों द्वारा उत्पन्न होता है जिसमें 50 फीसदी से अधिक प्लास्टिक दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु में इकट्ठा होता है।
रोजाना 4,059 टन प्लास्टिक कचरा पैदा करते हैं
केंद्रीय प्रदूषण नियंतत्र बोर्ड (CPCB) ने भारत के इन 60 प्रमुख शहरों में एक रिसर्च किया है। जिसमें बताया गया गया है कि ये शहर रोजाना 4,059 टन प्लास्टिक कचरा पैदा करते हैं। बोर्ड ने पिछले साल प्लास्टिक कचरे पर देशव्यापी डेटा का अनुमान लगाया था और मंत्रालय के सामने रिपोर्ट पेश की थी। इसमें पाया गया कि प्रति दिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरे में से 10,376 टन (40%) अनियंत्रित रहता है।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी हुआ नोटिस
केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक मानक दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें उनसे प्लास्टिक की उपयोगिता को कम करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा गया है ताकि देश एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध करने पर अपने 2022 के लक्ष्य को पूरा कर सके। इसके साथ-साथ उन्होंने सुझाव दिया है कि कुछ राज्य सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन को कम भी कर सकते हैं ताकि धीरे-धीरे इसकी उपयोगित कम हो जाए।