भारत में ईंधन की मांग घटी, सितंबर में दो साल से सबसे निचले स्तर
नई दिल्ली। भारत में ईंधन की मांग सितंबर महीने में घटकर 1.601 करोड़ टन रही है। भारत में ईंधन की मांग का ये 2 साल का सबसे निचला स्तर है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) ने इसको लेकर आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक पेट्रो ईंधन की खपत में सुस्ती है, जिससे मांग घटी है। जुलाई 2017 के बाद ईंधन की मांग सितंबर में सबसे नीचे रही है।
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, पेट्रोलियम उत्पादों की खपत सितंबर 2019 में 1.601 करोड़ टन पर रही। दो साल पहले जुलाई 2017 में भारत में ईंधन की मांग 1.606 करोड़ टन रही थी। इसके बाद ये मांग सबसे कम सितंबर 2019 में है।
भारत में डीजल की मांग में भारी कमी देखने को मिली है। डीजल की मांग 3.2 फीसदी घटकर 58 लाख टन रह गई। सड़क निर्माण में काम आने वाले बिटुमेन की खपत 7.3 फीसदी घटकर 3.43 लाख टन रह गई। फ्यूल ऑयल की बिक्री 3.8 फीसदी घटकर 5.25 लाख टन रह गई।
वहीं पेट्रोल और एलपीजी की मांग बढ़ी है। पेट्रोल की बिक्री 6.2 फीसदी बढ़कर 23.7 लाख टन रही, जबकि विमान ईंधन की बिक्री 1.6 फीसदी घटकर 6.66 लाख टन रह गई। एलपीजी की खपत 6 फीसदी बढ़कर 21.8 लाख टन पर पहुंच गई। केरोसिन की मांग करीब 38 फीसदी घटकर 1.76 लाख टन रह गई।
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने देश की तेल संबंधी मांग के अपने अनुमान को घटाया है। फिच ने साल 2021 तक ईंधन की मांग में औसतन वृद्धि का अनुमान 4.6 फीसदी रखा था, जिसे अब उसने घटाकर 3.8 फीसदी कर दिया है।
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