एम्स में भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू, 30 साल के शख्स को लगाया गया टीका
भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का: एम्स में 30 साल के शख्स को लगाया गया कोरोना वैक्सीन का पहला टीका
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देश की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का इंसान पर ट्रायल आज (शुक्रवार) से शुरू हो गया है। कोविड-19 के लिए बनी वैक्सीन कोवैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए एम्स में पहला टीका 30 साल के शख्स को लगाया गया है। बताया गया है कि टीके के बाद इस व्यक्ति को दो घंटे एम्स में ही डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। उसके बाद उसे घर भेज दिया गया है।
फिलहाल पांच लोगों को लगेगा टीका
इस ट्रायल को कर रही टीम को लीड कर रहे प्रोफेसर डॉ. संजय रॉय ने बताया है कि शुक्रवार को पहले व्यक्ति को वैक्सीन दी गई है। सभी स्वास्थ्य जांच के बाद उसको ये टीका दिया गया है। अच्छी बात है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाई दिया है। कुछ घंटे एम्स में रखे के बाद उसे घर भेज दिया गया है। अभी सात दिन तक इस शख्स को डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेगा। शुरुआती चरण में पांच लोगों को टीका लगाया जाएगा। बाकी लोगों को शनिवार को वैक्सीन दी जाएगी।
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दो डोज में दी जाएगी वैक्सीन
जानकारी के मुताबिक, यह वैक्सीन दो डोज में दी जाएगी। अब जिन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, उन्हें 14 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। 10 मरीजों पर वैक्सीनेशन के बाद सेफ्टी का रिव्यू होगा। उसके बाद ट्रायल को आगे बढ़ाया जाएगा। दिल्ली एम्स सहित देश के 12 सेंटरों में वैक्सीन का फेज-1 ट्रायल चल रहा है। कई सेंटरों में वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है।
दुनियाभर में हो रही कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश
पहले चरण में 375 लोगों पर परीक्षण होगा और इनमें से अधिकतम 100 एम्स से होंगे। दूसरे चरण में सभी 12 संस्थानों से 700 से ज्यादा लोग शामिल होंगे। बता दें कि इस समय दुनिया के कई देश कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने कि दिशा में काम कर रहे हैं। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, मॉडर्ना, एस्ट्रा-जेनेका, कैनसिनो, साइनोफार्म, सहित कई वैक्सीन्स ऐडवांस्ड फेज में हैं। वहीं भारत में दो वैक्सीनों का ह्यूमन ट्रायल जारी है। मानव पर शुरूआती चरण के परीक्षणों के बाद ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर दुनिया की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्हें COVID19 वैक्सीन की खोज में सफलता हाथ लग सकती है क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ यह टीका 'दोहरी सुरक्षा' उपब्लध करा सकता है।
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