मोल्डो में भारतीय सेना का चीन की PLA को दो टूक जवाब- हर हाल में पीछे हटना ही पड़ेगा
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन की तरफ मोल्डो में हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता बेनतीजा खत्म हो गई है। सूत्रों की मानें तो चीन गलवान घाटी और फिंगर 4 से पीछे हटने को तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो जो उम्मीद भारत को इस वार्ता से थी, चीनी जनरल उस पर खरे नहीं उतरे। भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने अपने चीनी समकक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) को हर हाल में पीछे हटना पड़ेगा। अभी तक सेना की तरफ से वार्ता पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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गलवान में हिंसक टकराव को एक हफ्ते पूरे
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव को एक हफ्ते पूरे हो गए हैं। 15/16 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। सोमवार को टकराव को खत्म करने के मकसद से कोर कमांडर स्तर की एक और वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच कई राउंड वार्ता हो चुकी है। छह जून को मोल्डो में ही दोनों सेनाओं के बीच पहली कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। लेकिन भारत और चीन के बीच उस वार्ता में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, चीनी सेना ने 15 जून को उसे पूरी तरह से तोड़ दिया। यहां हुए हिंसक टकराव के बाद से ही एलएसी पर स्थितियां पूरी तरह से बदल गई है। चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया पर मौजूद है। यहां पर चीनी सेना की तरफ से बंकर्स और ऑब्जर्वेशन पोस्ट तक बना ली गई हैं।
फिंगर एरिया बना तनाव का केंद्र
इंडियन आर्मी की तरफ से चीनी सेना से कहा गया है कि वह गलवान घाटी को छोड़कर चली जाए और यहां की यथास्थिति को बहाल किया जाए। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चीन की साउथ शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के साथ मुलाकात की थी। यह मीटिंग सुबह 11:30 बजे शुरू होकर रात 10:15 मिनट तक चली। सूत्रों के मुताबिक पीएलए के सैनिक फिंगर एरिया पर मौजूद हैं। फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच चीनी गतिविधियों ने इंडियन आर्मी को परेशान कर दिया है। फिंगर 4 से 8 तक के इलाके को भारत अपनी सीमा में मानता है। लेकिन चीनी मिलिट्री के अधिकारी भारतीय जवानों को गश्त नहीं करने दे रहे हैं।