विदेश मंत्रालय ने एफ-1 वीजा को लेकर अमेरिका के सामने जताई चिंता
नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने एफ 1 वीजा पर नए नियम के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है और वाशिंगटन से आग्रह किया है कि दोनों देशों के बीच विकासशील संबंधों में शैक्षिक आदान-प्रदान की भूमिका को ध्यान में रखें। इस वार्ता में मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस महीने होने वाले भारत-यूरोपीय शिखर सम्मेलन और कोरोना वायरस के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए शुरू किए गए वंदे भारत मिशन समेत कई मामलों पर जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि, F-1 वीजा के तहत अमेरिका में ऑनलाइन क्लासेज ले रहे छात्रों के मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि, इसे लेकर हम चिंतित हैं। हालिया फैसले से भारी संख्या में भारतीय छात्रों को अमेरिका से लौटना पड़ सकता है। हमने अमेरिका से इसे लेकर अपनी चिंताएं चता दी हैं। अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कहा कि एफ-1 वीजाधारक कुछ विदेशी छात्रों के लिए वीजा संबंधी नए दिशा निर्देश 'अनिश्चितता और मुश्किलें पैदा' करने वाले हो सकते हैं। इस दिशा-निर्देशों के मुताबिक विदेशी छात्रों को कम से कम एक पाठ्यक्रम ऐसा लेना होगा जिसमें वह व्यक्तिगत रूप से कक्षा में उपस्थित रह सकें अन्यथा उन्हें निर्वासित होने के जोखिम का सामना करना होगा।
8 जुलाई 2020 तक कुल 6 लाख 61 हजार 352 लोगों ने स्वदेश में आगमन के लिए विदेश में हमारे मिशनों के साथ संपर्क किया है। वंदे भारत मिशन के तहत कुल रजिस्टर्ड लोगों में से 5 लाख 80 हजार से अधिक वापस देश आ गए हैं। श्रीवास्तव ने कहा, "वंदे भारत मिशन का चौथा चरण चल रहा है। इस चरण के तहत 637 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें पहले ही निर्धारित की जा चुकी हैं और ये उड़ानें भारत में 29 हवाईअड्डों से जुड़ी होगी।
वहीं केरल में यूएई के कॉन्सुलेट से सोने की तस्करी के तार जुड़ने पर विदेश मंत्रालय बोला- यूएई के दूतावास को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। यूएई के मिशन ने कस्टम विभाग को असाइनमेंट से जुड़े हर तरह के सहयोग का वादा किया है। मामले की जांच की जा रही है।
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