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India-China tension: लद्दाख में पैंगोंग त्‍सो पर चीनी सेना के कई सैनिकों की मौत, निकाले जा रहे शव!

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नई दिल्‍ली। चीन, पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पीछे हटने के लिए तैयार ही नहीं हो रहा है। इस बीच एक ऐसी जानकारी सामने आ रही है जिसमें कहा जा रहा है कि पैंगोंग त्‍सो के उत्‍तरी किनारे पर पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के कई सैनिकों की मौत हो गई है। भारत और चीन के बीच 12 अक्‍टूबर को सांतवें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई है। 11 घंटे से भी ज्‍यादा समय तक चली इस वार्ता में टकराव पर कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच चीन की तरफ से पिछले दिनों एक बयान जारी कर कहा गया था कि वह लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को कोई मान्‍यता नहीं देता है।

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एक हफ्ते से निकाले जा रहे शव

सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि पिछले एक हफ्ते से एलएसी के करीब बड़ी संख्‍या में पीएललए के सैनिकों के शवों को निकाला जा रहा है। यहां पर स्‍ट्रेचर के जरिए बीमार सैनिकों को पास ही बनाए गए अस्‍थायी केंद्र पर भी ले जाते हुए देखा गया है। लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों पर तापमान में अब गिरावट शुरू हो गई है। 15,000 से 16,000 फीट वाले हिस्‍सों में भारत और चीन के सैनिक अभी तक जमे हुए है। पीएलए के करीब 5,000 सैनिक पैंगोंग त्‍सो के उत्‍तरी किनारे पर हैं। जो जानकारी सेना से जुड़े सूत्रों से मिल रही है उसके मुताबिक कई चीनी सैनिकों की तबियत बिगड़नी शुरू हो गई है। इस वर्ष मई से ही पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। लेकिन अब इस बात के संकेत भी मिलने लगे हैं कि पीएलए का पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। सुत्रों की मानें तो पीएलए के जवानों को रोटेशन विधि के तहत फॉरवर्ड इलाकों में तैनात किया जा रहा है। ये ऐसे फॉरवर्ड इलाके हैं जहां पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच बस कुछ ही मीटर का फासला है।

हर दो हफ्तों में रोटेट हो रहे चीनी जवान

अधिकारियों की मानें तो भारत की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि हर दो हफ्तों में पीएलए अपने जवानों को बदल-बदल (रोटेशन विधि पर) कर तैनात कर रहा। यह अनुमान इसलिए भी काफी अहम है क्‍योंकि चीन का मकाद अपने जवानों को युद्ध के लिए रेडी रखने के लिए हर पल तैयार रखना है। पीएलए की तरफ से रोटेशन विधि के तहत जवानों की तैनाती का पहला संकेत पैंगोंग त्‍सो के उत्‍तरी किनारे पर नजर आता है। यहां पर फिंगर 3 और फिंगर 4 के बीच करीब 2,000 जवानों को तैनात किया गया है। इतने ही जवान भारत की तरफ से भी तैनात हैं और आठ सितंबर से ही यही स्थिति है। अधिकारियों का कहना है कि भारत की तरफ से जवानों की तैनाती को बरकरार रखा गया है तो वहीं पीएलए हर दो हफ्तों के बाद 200 सैनिकों की अदला-बदली करता है। पैंगोंग झील का उत्‍तरी किनारा वही हिस्‍सा है जहां पर सबसे पहले टकराव शुरू हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की तरफ से पहले अनुमान लगाया गया था कि पीएलए के कम से कम 50,000 जवान एलएसी पर तैनात थे लेकिन ताजा जानकारी पर अगर यकीन करें तो यह‍ संख्‍या ज्‍यादा हो सकती है।

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English summary
India-China tension: PLA casualty evacuation spotted in North Bank area of Pangong Tso.
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