भारत सरकार के ऑफिसर ने दी दलाई लामा को 85वें जन्मदिन की बधाई, चीन को और लगेगी मिर्ची
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बरकरार है। इस बीच भारत सरकार की तरफ से एक ऐसा फैसला किया गया है जिसके बाद चीन को और मिर्ची लग सकती है। केंद्र शासित राज्य लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर की तरफ से दलाई लामा को उनके 85वें जन्मदिन के मौके पर बधाई दी है। भारत-चीन मामलों के जानकार इस कदम को सरकार का एक साहसिक कदम करार दे रहे हैं।
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दलाई लामा के दीर्घायु होने की कामना
संघ शासित राज्य लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर आरके माथुर की तरफ से तिब्बतियों के धर्मगुरु 14वें दलाई लामा को बर्थडे विश करने वाली एक ट्वीट की गई है। इस ट्वीट में लिखा है, 'आज 14वें दलाई लामा का 85वां जन्मदिन है। मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।' इस ट्वीट में आगे लिखा है, 'इस मुश्किल समय में उनका अध्यात्मिक नेतृत्व हमें शक्ति प्रदान करता है।' विशेषज्ञों की मानें तो यह पहला मौका है जब भारत सरकार की तरफ से नियुक्त किसी सरकारी अधिकारी ने दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी है। वे मान रहे हैं कि इस फैसले से चीन का गुस्सा और भड़क सकता है।
चीन मानता है दलाई लामा को अलगाववादी
दलाई लामा, चीन के निर्वासित अध्यात्मिक लीडर हैं जो तिब्बत में रहते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो सरकार की तरफ से नियुक्त ऑफिसर का दलाई लामा को बर्थडे विश करना एक बड़ा रणनीतिक कदम है। यह कदम चीन को एक बड़ा संदेश देने के लिए काफी है कि भारत अब तक 'वन चाइना पॉलिसी' में यकीन नहीं रखता है। चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता मानता है और उसका कहना है कि वह तिब्बत के लोगों को भड़काते हैं। जबकि दलाई लामा अक्सर इन बातों को खारिज कर देते हैं। उनका कहना है, 'चीन के कम्युनिस्टों के पास बंदूक की ताकत है और हमारे पास सच्चाई की ताकत है।'शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले दलाई लामा 62 में चीन और भारत के बीच हुई जंग की वजह में से ही एक वजह थे।