गलवान घाटी हिंसा के बाद LAC के लिए भारत ने बदले नियम, दोनों तरफ तैनात हैं फाइटर जेट्स
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 15/16 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर स्थितियां बदलती हुई नजर आ रही हैं। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि भारत ने अब चीन को जवाब देने के लिए नियमों में बदलाव किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी टॉप मिलिट्री ऑफिसर्स को साफ कर दिया है कि एलएसी पर किसी भी असाधारण स्थिति से निबटने के लिए वो पूरी तरह से तैयार रहें। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि पूर्व में चीन के साथ हुई सभी संधियों को भी निरस्त कर दिया गया है।
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लद्दाख के आसमान पर बढ़े फाइटर जेट्स
15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत की तरफ से एलएसी पर लगातार जवानों की तैनाती को बढ़ाया जा रहा है। वहीं फाइटर जेट्स भी तैनात कर दिए गए हैं। चीन की तरफ से भी एलएसी पर फाइटर जेट्स और बॉम्बर्स की संख्या को बढ़ा दिया गया है। चीनी फाइटर जेट्स लगातार एलएसी पर गश्त लगा रहे हैं। पैंगोंग त्सो के उत्तरी हिस्से पर स्थित फिंगर 4 पर भारतीय जवानों को गश्त करने से रोकने के लिए चीनी जेट्स इसकी पूर्वी दिशा से टेक ऑफ कर रहे हैं। लद्दाख में जो एलएसी है वह करीब 826 किलोमीटर लंबी है। इस एलएसी पर दोनों तरफ की सेनाओं की तैयारियों में पिछले एक हफ्ते से इजाफा देखा जा रहा है।
जवानों को मिले हथियार प्रयोग के आदेश
रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और एयरफोर्स चीफ, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से मीटिंग की थी। इस दौरान उन्होंने ऑफिसर्स को स्पष्ट कर दिया है कि जमीन, हवा और समंदर में चीनी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए। टॉप सूत्रों की मानें तो गलवान की घटना के बाद भारतीय जवान अब उस नियम से बंधे नहीं हैं जिसमें कहा गया है कि टकराव के समय वो हथियार का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि एलएसी की रक्षा के लिए सरकार बहुत ही कड़े कदम उठा रही है।
अरुणाचल में भी बढ़ी गतिविधियां
भारत और चीन के बीच जल्द ही कोर कमांडर स्तर की एक और वार्ता होने वाली है। इससे पहले एजेंसियों ने इस तरफ ध्यान दिया है कि चीन ने एलएसी के करीब अतिरिक्त फाइटर जेट्स, बॉम्बर्स और अटैक हेलीकॉप्टर्स तैनात कर दिए हैं। एजेंसियों के मुताबिक शिनजियांग के होतान जो कि लद्दाख के एकदम उत्तर में है, न्गयारी जो लद्दाख के करीब 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है और सिक्क्मि से 150 किलोमीटर दूर उत्तर में शिगात्से में चीन ने फाइटर जेट्स की अतिरिक्त संख्या तैनात कर दी है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियां बढ़ गई हैं।
14,000 फीट पर तैनात सेना की तीन डिविजन
पैंगोंग त्सो में पीएलए गैर-कानूनी तौर पर एलएसी को बदलने की कोशिशें कर रहा है। भारत की तरफ से देपसांग, मुरगो, गलवान, हॉट स्प्रिंग्स, कोयूल, फुकशे और डेमचोक में तैनाती को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा अपाचे हेलीकॉप्टर्स, सुखोई फाइटर जेट्स और टैंक्स को भी एलएसी पर तैनात किया गया है। इंडियन आर्मी चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सेना की एक डिविजन को दो हफ्तों के बाद 14,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात कर दिया गया है। अब सेना की तीन डिविजन तैनात हैं और चीन के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से रेडी हैं।