India China Tension:कांग्रेस के हमलों का ऐसे फायदा उठाना चाहती है भाजपा
नई दिल्ली- लद्दाख की घटनाओं को लेकर कांग्रेस विपक्ष की ओर से एकतरफा बीजेपी और मोदी सरकार पर हमले कर रही है। चीन के मामले में वामपंथियों को छोड़कर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां मोटे तौर पर सरकार के साथ खड़ी हैं। यूपी की बहनजी (मायावती) ने तो खुलेआम ऐलान कर दिया है कि चीन के मुद्दे पर उनका 'हाथी' केंद्र सरकार के साथ है। मायावती से तो अभी कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा की सियासी खटपट चल रही है, लेकिन कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के सर्वेसर्वा शरद पवार भी चीन के मसले पर कांग्रेस और राहुल गांधी को सरकार विरोधी स्टैंड लेने के लिए खूब सुना चुके हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस अकेले भाजपा के सामने खड़ी है। वामपंथी पार्टियां तो अबतक इस मसले पर बगलें झांकने में ही लगी हुई दिखाई पड़ रही हैं। ऐसी स्थिति में बीजेपी ने इस मसले को चुनावों में भुनाने की तैयारी कर ली है। भाजपा का पहला निशाना मध्य प्रदेश विधानसभा उप चुनाव है, जिसके बाद वह बिहार विधानसभा चुनाव में इसी मसले पर धावा बोलने की तैयार कर रही है।
कांग्रेस के हमलों का ऐसे फायदा उठाना चाहती है भाजपा
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी को लेकर कांग्रेस खासकर उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जिस कदर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं, लगता है कि भाजपा ने उसका भी सियासी फायदा उठाने की रणनीति तैयार कर ली है। भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि इस मुद्दे को भी उसी तरह से भुनाया जाय, जैसे कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक करके 2019 के लोकसभा चुनावों में भुनाया था। भाजपा ने कांग्रेस को जवाब देने के लिए जिस तरह से राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले संदिग्ध चंदों को लेकर चौतरफा हमले करके पार्टी की फर्स्ट फैमिली को घेरने का चक्रव्यूह रचा है, उससे लगता है कि गलवान घाटी के रास्ते ही मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव और करीब चार महीने बाद बिहार विधानसभा चुनाव जीतने की योजना तैयार करना चाह रही है।
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मध्य प्रदेश उपचुनाव पर पहला निशाना
भाजपा की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन के जरिए हुए कथित खेल में सीधे सोनिया-राहुल और उनके परिवार को घेरने की कमान खुद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संभाल ली है। उन्होंने शनिवार को कांग्रेस के आलाकमान से 10 चुभते सवाल पूछे हैं, जिसमें कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी के पति और पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर बने फाउंडेशन को चीन सरकार की ओर से मिले चंदे से लेकर यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों से जुड़े सवाल शामिल हैं। पार्टी की नजर मध्य प्रदेश में होने वाली विधानसभा की 24 सीटों के उपचुनाव पर है, जिसमें जीत से ही शिवराज सिंह चौहान की गद्दी को गारंटी मिल सकती है।
गांधी परिवार के साथ कमलनाथ को लपेटने की भी कोशिश
भाजपा के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी आलाकमान का संकेत साफतौर पर जाहिर हो चुका है। यही वजह है कि रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश में कई जगहों पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ के पुतले फूंके गए हैं। बीजेपी का आरोप है कि जब कमलनाथ केंद्र में वाणिज्य और उद्योग मंत्री थे, तभी चीन के साथ व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। बीजेपी के इरादे पार्टी के वरिष्ठ नेता ही जाहिर कर रहे हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने इकोनॉमिक्स टाइम्स से कहा है कि 'निश्चित तौर पर उपचुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।..........आप उसे प्रदेश कैसे सौंप सकते हैं, जिसने चीन के हित के लिए काम किया है और छोटे एवं ग्रामीण उद्योंगों को मार दिया है।' गौरतलब है कि उपचुनाव में राज्य में कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा बनने वाले हैं, जिसमें जीत पार्टी को एकबार फिर से सत्ता तक पहुंचा सकती है। इसलिए, बीजेपी ने अपना मुद्दा खोज लिया है। झा ने बड़ी स्पष्टता से कहा कि, 'हम आने वाले चुनाव में ये मुद्दा उठाएंगे कि कांग्रेस सेना का अपमान कर रही है और चीन का साथ दे रही है।'
एमपी के बाद बिहार की तैयारी
मध्य प्रदेश में उपचुनाव के बाद बिहार विधानसभा का चुनाव भी होना है। बिहार में कांग्रेस का अपना कोई खास वजूद नहीं है। लेकिन, दशकों से कांग्रेस से दोस्ती के चलते मुख्य विपक्षी लालू यादव की पार्टी आरजेडी को घेरने के लिए बीजेपी चीन को ही हथियार बनाना चाहती है। पार्टी को उम्मीद है कि वह चीन के मसले पर कांग्रेस को घेरेगी तो आखिरकार पूरे विपक्ष की नीव हिल जाएगी। यही वजह है कि बिहार में भाजपा के नेता और मंत्री भी चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले कथित डोनेशन को लेकर अभी से हमलावर हो रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है, 'मुद्दा हम नहीं बना रहे हैं। कांग्रेस ही सवाल पूछ रही है और इसलिए उन्हें कुछ सवालों का जवाब देना जरूरी है।......उन्हें यह साफ करना होगा कि वो देश के साथ खड़े हैं या चीन के साथ। इन मुद्दों को उठाना हमारा दायित्व है। '
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