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India-China tension: चीन ने रिहा किए भारत के 10 सैनिक, गलवान घाटी हिंसा में पकड़े जाने की थीं खबरें!

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नई दिल्‍ली। चीन की पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने इंडियन आर्मी के उन 10 सैनिकों को रिहा कर दिया जिन्‍हें 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद उसने पकड़ लिया था। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन सैनिकों को गुरुवार रात रिहा किया गया है। सोमवार को गलवान घाटी (पेट्रोलिंग प्‍वाइंट 14) पर हुए हिंसक टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। कुछ खबरें आई थीं जिसमें कहा गया था कि कुछ सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया है।

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India China Galwan Clash: China ने बंदी बनाए भारत के 10 सैनिकों को किया रिहा | वनइंडिया हिंदी
15 दिनों में ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे घायल सैनिक

15 दिनों में ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे घायल सैनिक

सेना की तरफ से गुरुवार को कहा गया था कि कोई भी सैनिक गायब नहीं है। जिन सैनिकों को चीन ने रिहा किया है उसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर रैंक के ऑफिसर भी शामिल हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इन सैनिकों को गुरुवार शाम करीब पांच बजे रिहा किया गया है। अखबार ने सूत्रों के हवाल से बताया है कि किसी भी सैनि‍क को चीन ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। सेना ने यह भी कहा है कि जवानों के पास हथियार थे और वो बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं कर रहे थे। इन सैनिकों की रिहाई के बाद आज भारत और चीन की सेना के बीच एक और दौर की मेजर जनरल स्‍तर की वार्ता होनी है। सेना ने कहा है कि 15 दिनों के बाद हिंसा में घायल जवान ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे।

58 सैनिक अलग-अलग अस्‍पतालों में

58 सैनिक अलग-अलग अस्‍पतालों में

सेना की तरफ से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कर दी गई है कि सभी सैनिक पूरे हैं और कोई भी गायब नहीं है। सेना सूत्रों की ओर से बताया गया है कि कोई भी सैनिक अब नाजुक हालत में नहीं है और सभी की हालत स्थिर है। 18 सैनिक लेह स्थित आर्मी हॉस्पिटल में हैं और अगले 15 दिनों में ड्यूटी ज्‍वॉइन कर लेंगे। 58 सैनिक अलग-अलग अस्‍पतालों में भर्ती हैं। ये भी अगले एक हफ्ते में ड्यूटी पर लौट आएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा है कि 15 जून को जो हमला हुआ है उसमें हर भारतीय जवान के पास हथियार थे।

विदेश मंत्री बोले निहत्‍थे नहीं थे जवान

विदेश मंत्री बोले निहत्‍थे नहीं थे जवान

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरफ से सरकार से इस पर सवाल किया गया था कि क्‍यों भारतीय जवानों के पास हथियार नहीं थे? इस पर ही विदेश मंत्री की तरफ से गुरुवार को जवाब दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा, 'बॉर्डर ड्यूटी पर तैनात हर जवान के पास हथियार होते हैं, विशेषकर जब वो पोस्‍ट छोड़कर जाते हैं। जो गलवान में 15 जून को थे उनके पास भी हथियार थे। पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है कि कोई भी पक्ष टकराव के दौरान हथियार का प्रयोग नहीं करेगा और ऐसा 1996 और साल 2005 में हुए समझौतों की वजह से था।' विदेश मंत्री ने ट्विटर पर राहुल गांधी को जवाब दिया था।

एक समझौते की वजह से हथियार का प्रयोग प्रतिबंधित

एक समझौते की वजह से हथियार का प्रयोग प्रतिबंधित

साल 1996 में हुए समझौते के आर्टिकल VI के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा से दो किलोमीटर के भीतर न तो कोई पक्ष आग लगाएगा, न ही बायो-डिग्रेडेशन पैदा करेगा, न, खतरनाक रसायनों का उपयोग करेगा, न ही किसी प्रकार से बंदूकों और विस्‍फोटकों की मदद से ब्‍लास्‍ट करेगा। यह पांबदी, नियमित तौर पर होने वाली फायरिंग एक्टिविटीज पर नहीं होगी। इस समझौते में कहा गया है कि अगर एलएसी पर दोनों पक्षों के सैनिक किसी मतभेद के चलते आमने-सामने आते हैं तो उन्‍हें आत्म-संयम बरतना होगा और तनाव को कम करने के कदम उठाने होंगे। दोनों देश स्थिति की समीक्षा करने और तनाव को बढ़ाने से रोकने के लिए राजनयिक या दूसरे उपलब्‍ध चैनलों के जरिए वार्ता करेंगे या बाकी उपाय अपनाएंगे।

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English summary
India-China tension: 10 Indian Army personnel released by Chinese army from its custody.
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