2nd India-China summit: इंडियन नेवी की वॉरशिप्स कर रहीं ममल्लापुरम की सुरक्षा
चेन्नई। आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 56 किलोमीटर दूर स्थित ममल्लापुरम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहुंचेंगे औेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे। 7वीं और 8वीं सदी के शहर ममल्लापुरम दो दिनों तक किसी किले से कम नहीं रहेगा। शहर के यभी एंट्री-प्वाइंट्स पर कड़ी नजर रखी जाएगी और साथ ही सुरक्षा में कोई कमी न रह जाए इसके लिए अस्थायी पुलिस पोस्ट्स तक बनाई गई हैं। इसके अलावा इंडियन नेवी भी इन दोनों वर्ल्ड लीडर्स की सुरक्षा पर नजर रखे हुए है।
सड़क के रास्ते ममल्लापुरम जाएंगे जिनपिंग
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग दोपहर करीब दो बजे चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे। यहां से जिनपिंग चेन्नई एयरपोर्ट से ममल्लापुरम तक पहुंचने के लिए सड़क का सहारा लेंगे। इसके बाद जिनपिंग आईटीसी ग्रैंड चोला में लंच करेंगे और फिर शाम करीब चार बजे ममल्लापुरम के लिए रवाना होंगे। 4 बजकर 40 मिनट पर वह तय स्थान पर पहुंच जाएगा। हैरिटेज साइट्स को देखने के बाद मोदी और जिनपिंग डिनर से पहले कलाक्षेत्र से आए कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी उठाएंगे। करीब 5,000 पुलिसकर्मी चेन्नई से ममल्लापुरम पर नजर रखेंगे। वहीं इंडियन नेवी और इंडियन कोस्ट गार्ड के जवानों को भी वॉरशिप्स के साथ ममल्लापुरम में तैनात किया गया है। पुलिस की ओर से गश्त भी बढ़ा दी गई है। ममल्लापुरम में यूनेस्टको हैरिटेज साइट्स हैं और इनकी सुरक्षा इस समय पहले से दोगुनी कर दी गई है।
800 सीसीटीवी भी हुए इंस्टॉल
यहां पर करीब 800 सीसीटीवी कैमराज लगाए गए हैं जिनकी मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। ममल्लापुरम जिसे महाबलीपुरम के तौर पर भी जाना जाता है, उसे कुछ समय के लिए पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा मछुआरों को भी न आने की सलाह दी गई है। पीएम मोदी और जिनपिंग यहां पर कई घंटों तक रहेंगे और वह यहां के मशहूर रिसॉर्ट फिशरमैन कोव में समय बिताएंगे। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि शनिवार को दोनों नेता ताज फिशरमैन्स कोव रिसॉर्ट एंड स्पा में अनौपचारिक मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों के बीच प्रतिनिधिस्तर की वार्ता होगा। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए लंच और डिनर का आयोजन भी किया है। पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा शनिवार की सुबह होगी। क्योंकि यह एक अनौपचारिक सम्मेलन है तो इस दौरान न तो कोई मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया जाएगा और न ही कोई साझा बयान जारी होगा। साथ ही दुभाषिए के अलावा किसी और अधिकारी को दोनों नेताओं की मीटिंग में शामिल होने की मंजूरी नहीं होगी।