LAC पर पेंगोंग के पास चीन की ओर से फायरिंग, बोले स्वामी-विदेश मंत्री जयशंकर को वापस बुलाएं PM
नई दिल्ली। इंडो-चाइना विवाद बढ़ता ही जा रहा है,सोमवार देर रात चीन ने भारतीय सैनिकों पर सीमा पार करने और गोलीबारी करने का आरोप लगाया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि पैंगोग सो के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच ताजा झड़प हुई है, ये झड़प लद्दाख के पैंगोग सो झील के दक्षिणी छोर पर स्थित एक पहाड़ी पर हुई है। चीनी मुखपत्र ने लिखा है कि भारतीय सेना ने पैंगोंग सो झील के दक्षिणी छोर के पास शेनपाओ की पहाड़ी पर एलएसी को पार कियाऔर इंडिया की ओर से पीएलए के बॉर्डर पट्रोल से जुड़े सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किए जिसके बाद चीनी सैनिकों ने जवाब में फायरिंग की है।
अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन
वहीं इंडियन आर्मी ने मंगलवार को चीन के सभी आरोपों से इनकार कर दिया गया है। सोमवार को ची के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से कहा गया था कि भारत की सेना ने किसी भी तरह से एलएसी पार नहीं की है।
सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन से बातचीत पर सवाल उठाए
चीन से जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को चार दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। वहां विदेश मंत्री शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे, तो वहीं एलएसी पर तनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन से बातचीत पर सवाल उठाए हैं।
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सुब्रमण्यम स्वामी ने पूछा-आखिर चीन से बातचीत क्यों हो रही ?
उन्होंने ट्वीट किया है कि विदेश मंत्री जयशंकर को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष से क्यों मिलना है? खासतौर पर तब जब हमारे रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद? 5 मई 2020 के बाद से भारत के पास चीन से विदेश नीति पर कोई विवाद सुलझाने की जरूरत नहीं है इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी को विदेश मंत्री से अपनी यात्रा रद्द करने के लिए कहना चाहिए यह हमारे संकल्प को कम करता है।
चीन को लेकर फैसला करे भारत सरकार
गौरतलब है कि इससे पहले भी स्वामी ने कहा था कि चीनी सरकार ने भारत को लेकर अपना फैसला कर लिया है, लेकिन ये भारत की सरकार को एहसास नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को भी सख्त कदम उठाने चाहिए और चीन को लेकर फैसला करना चाहिए।उन्होंने केंद्र सरकार को कठोर बनने की सलाह दी और कहा कि टेबल पर बैठने से कुछ नहीं होगा। 5 साल में शी जिनपिंग के साथ 18 बार बैठने के बाद भी चीन की सरकार आपका और आपके नेताओं की कोई कद्र नहीं कर रही है।
मॉस्को में जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी की होगी बैठक
मालूम हो कि मॉस्को में जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की उम्मीद है, जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी थी चीन को चेतावनी
गौरतलब है कि जयशंकर की यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के महज कुछ दिन बाद हो रही है, बीते शुक्रवार को राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही की करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक हुई थी।
चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करे: राजनाथ सिंह
इस बातचीत में राजनाथ ने चीनी रक्षा मंत्री को स्पष्ट संदेश दिया कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश ना करे। रक्षामंत्री ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि दोनों पक्षों को राजनयिक और मिलिट्री चैनल्स के जरिए वार्ता जारी रखनी चाहिए।
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