चीन ने अक्साई चिन में तैनात किया J-20 जेट तो IAF ने जवाब देने के लिए राफेल जेट को किया रेडी
नई
दिल्ली।
भारत
और
चीन
के
बीच
पांच
मई
से
जारी
टकराव
खत्म
होने
की
जगह
दिन
पर
दिन
और
बढ़ता
जा
रहा
है।
एक
नई
रिपोर्ट
के
मुताबिक
चीन
और
भारत
दोनों
ने
ही
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
पर
अपने
सबसे
एडवांस्ड
जेट्स
तैनात
कर
दिए
हैं।
यह
नई
जानकारी
ऐसे
समय
में
सामने
आई
है
जब
आज
दोनों
देशों
के
बीच
टकराव
को
खत्म
करने
के
लिए
राजनयिक
स्तर
की
वार्ता
होनी
है।
भारत
और
चीन
के
बीच
15
जून
को
गलवान
घाटी
में
हुई
हिंसा
के
बाद
टकराव
नए
स्तर
पर
पहुंच
गया
था।
इस
हिंसा
में
भारत
के
20
सैनिक
शहीद
हो
गए
थे।
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लद्दाख से बस 320 किमी दूर चीनी जेट
हांगकांग से निकलने वाले अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन ने अपने सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट्स को लद्दाख में एलएसी पर तैनात कर दिया है। अखबार ने फोर्ब्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि दो चीनी जे-20 स्टेल्थ फाइटर जेट्स को वेस्टर्न शिनजियांग क्षेत्र में स्थित होटान एयरबेस पर तैनात किया गया है। फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए बताया है कि चीन के होटान एयर बेस पर दो जे-20 जेट तैनात हैं। ये जगह अक्साई चिन में है और लद्दाख से बस 320 किलोमीटर दूर है।
जवाब देने के लिए रेडी राफेल
इस बीच भारत ने भी पांच राफेल जेट्स को लद्दाख में तैनात कर दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि राफेल जेट लगातार हिमाचल प्रदेश में नाइट फ्लाइंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं और अब इन्हें लद्दाख में तैनात कर दिया गया है। इंडियन आर्मी ने जहां लद्दाख में अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा किया है। सेना ने टैंक्स, दूसरे हथियार तैनात कर दिए हैं। वहीं इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) भी लगातार हाई अलर्ट पर है। एलएसी पर अपने एयरबेसेज पर आईएएफ किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से चौकस है। 29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल जेट का पहला बैच भारत पहुंचा है।
चीन बताता है चेंगदू को राफेल से बेहतर
चीन हमेशा से ही यह दावा करता आया है कि उसका जेट जे-20 राफेल की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है और हर बार भारत के विशेषज्ञों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। राफेल एक मल्टीरोल जेट है जो कि एक फ्लाइंग में करीब सात मिशन को अंजाम दे सकता है। हांगकांग में मिलिट्री विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग की मानें तो जे-20 का इंजन जेट के लिए बड़ी समस्या है। चीनी एयरफोर्स ने अभी तक इस बात की जानकारी को भी सार्वजनिक नहीं किया है कि उसके पास कितने जे-20 जेट्स हैं लेकिन माना जाता है कि इनकी संख्या 50 के आसपास हो सकती है। राफेल जेट स्कैल्प और मीटियोर मिसाइलों से लैस है। वहीं सीरिया से लेकर अफगानिस्तान तक इसे प्रयोग किया जा चुका है।
चीन को पूर्व IAF चीफ ने दिया जवाब
चीनी मीडिया ने राफेल जेट को जे-20 से भी कम स्तर का करार दिया है। चीन की मीडिया के इस दावे पर पूर्व आईएएफ चीफ, एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) बीएस धनोआ ने उसे जवाब दिया था। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक राफेल सिर्फ एक तीसरी पीढ़ी का फाइटर जेट और जे-20 की स्टेल्थ क्षमताओं में यह काफी पीछे है। पूर्व आईएएफ धनोआ ने राफेल को 4.5 पीढ़ी का फाइटर जेट करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर जे-20 इतना ही ताकतवर है तो फिर इसके पास अमेरिकी जेट एफ-22, एफ-35 और रूस के पांचवीं पीढ़ी के जेट सु-57 जैसी क्षमताएं क्यों नहीं हैं।