India-China: हकीकत से अलग है चीन का वादा, अभी तक LAC के 2 किमी अंदर PLA के जवान!
नई दिल्ली। भारत की एजेंसियों की तरफ से शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि लद्दाख में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बाद भी चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक अहम रणनीतिक जगहों पर अड़े हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि चीनी सैनिक हॉट स्प्रिंग्स, पैंगोंग त्सो और देपसांग में मौजूद हैं। आपको बता दें कि 14 जुलाई को भारत और चीन के बीच चौथी कोर कमांडर वार्ता हुई थी जिसके बाद सेना की तरफ से कहा गया था कि डिसइंगेजमेंट एक जटिल प्रक्रिया है।
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दावों से अलग हकीकत
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर कई जगहों से चीनी जवानों की संख्या में कमी आई है। सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से हो रहे दावे, हकीकत से एकदम अलग हैं। पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 15 जो हॉट स्प्रिंग्स के करीब है, यहां पर वैरीफिकेशन में चीनी टेंट्स और कुछ ढांचों के होने की बात सामने आई है। ये चीनी निर्माण एलएसी के करीब दो किलोमीटर अंदर हैं। अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, 'चीनी जवानों ने पीपी-15 से चले जाने पर सहमति जताई थी लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि वह एलएसी के दो किलोमीटर अंदर मौजूद हैं।' इसी तरह के हालात देपसांग और पैंगोंग त्सो में भी हैं। देपसांग में 'बॉटलनेक' के करीब घुसपैठ हुई थी और यह जगह भारत की सीमा के अंदर है। भारत की सेना अभी बॉटलनेक पर स्थिति संभाले हुए है लेकिन पास के चार पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर जवान नहीं जा पा रहे हैं। अखबार के मुताबिक ये प्वाइंट्स करीब 700 स्क्वॉयर किलोमीटर के एरिया में है।
डिसइंगेजमेंट एक जटिल प्रक्रिया
भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स 14 जुलाई को एक बार फिर पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को खत्म करने के लिए कोर कमांडर वार्ता हुई। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के हालातों को सामान्य करने के लिए मंगलवार को जो वार्ता हुई वह करीब 15 घंटे तक चली थी। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, ' भारत और चीन, स्थापित मिलिट्री और राजनयिक चैनलों के माध्यम से वार्ता कर रहे हैं ताकि एलएसी की स्थिति को बहाल किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत और चीन दोनों ही पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह प्रक्रिया लंबी होने के साथ ही साथ जटिल भी है और इसके लिए लगातार वैरिफिकेशन की जरूरत है।सूत्रों की ओर से 14 जुलाई की मीटिंग को लेकर बताया गया है कि चीनी जवान पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के इलाके को पूरी तरह से हटने के लिए तैयार नहीं हैं।