भारत-चीन विवाद पर बोले अखिलेश यादव, कांग्रेस जैसी गलती ना दोहराए भाजपा
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पिछले काफी महीनों से बना हुआ है, दोनों देशों के बीच चल रहा टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच संसद के मानसून सत्र में चीन के साथ सीमा विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। संसद के दोनों सदनों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपना बयान दे चुके हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार इस मसले पर सरकार को घेरने में जुटी है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए इस मसले पर अपना रुख जाहिर किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि कि इस पूरे मसले पर हमारा रुख बिल्कुल साफ है। भाजपा को कांग्रेस की गलती को दोहराना नहीं चाहिए।
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इस पूरे विवाद पर आज राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की अनदेखी कर रहा है। वो एलएसी को नहीं मान रहा है और सीमा पर स्थिति बदलना चाहता है लेकिन हमारी सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ कई स्तरों पर बातचीत चल रही है, हालांकि सीमा विवाद अभी अनसुलझा है। भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है। यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा, हमारी सेना पूरी तरह डटी है। जहां संयम जरूरी होता है वहां संयम और जहां शौर्य जरूरी है वहां शौर्य से काम लिया जा रहा है। चीन की हर हरकत पर सरकार की नजर है। बॉर्डर पर भारत ने ज्यादा इन्फ्रास्ट्र्क्चर पहुंचाया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों की कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का आधार है।
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