India-China tension: चीन ने LAC पर बढ़ाई जवानों की संख्या, देपसांग में अतिरिक्त टैंक्स तैनात
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पांच माह से जारी तनाव में किसी तरह की कोई कमी नहीं आ रही है। सर्दियों में जब टकराव के सुलझने के आसार थे तो यह और उलझता जा रहा है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि चीन लगातार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर आक्रामक बना हुआ है। चीन की तरफ से एलएसी पर जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। इस समय एलएसी पर लद्दाख के करीब पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 50,000 जवान मौजूद हैं। देपसांग में भी लगातार चीन अपने जवानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
Recommended Video
यह भी पढ़ें-भारत ने चीन को याद दिलाई अक्साई चिन पर कब्जे की बात
12 अक्टूबर को कोर कमांडर वार्ता
12 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच सांतवें दौर की कोर कमांडर वार्ता होनी है। लेकिन इससे पहले ही चीन ने अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। जो ताजा जानकारी सेना के सूत्रों से मिली है उसके मुताबिक देपसांग सेक्टर में पीएलए ने मैकेनाइज्ड ब्रिगेड की संख्या बढ़ा दी है। देपसांग में पीएलए ने करीब 25 अतिरिक्त टैंक्स तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा इनफेंट्री फाइटिंग व्हीकल करीब 25 से 30 तक बढ़ा दी गई है। देपसांग सेक्टर में 400 अतिरिक्त जवानों को भी तैनात कर दिया गया है। देपसांग सेक्टर में चीनी जवानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके अलावा चीन ने यहां पर रॉकेट लॉन्चर्स से लेकर टैंक्स तक तैनात कर डाले हैं। वर्तमान समय में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग त्सो-चुशुल, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स और गलवान घाटी में टकराव बरकरार है। रक्षा सूत्रों की तरफ से कुछ दिनों पहले कहा गया था कि वर्तमान में जो टकराव दोनों देशों के बीच जारी है उसके तहत देपसांग में कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है। देपसांग 16,000 फीट की ऊंचाई पर है और यह जगह डीबीओ पर एडवांस लैंडिंग ग्राउंड और काराकोरम पास तक जाती है।
देपसांग पर क्यों गड़ी हैं चीन की नजरें
सुरक्षा विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चीन की नजरें देपसांग क्षेत्र पर गड़ी हुई हैं। उनका मानना है कि चीन के लिए यहह क्षेत्र बहुत ही अहम है और इसलिए वह ध्यान बांटने के लिए दूसरे क्षेत्रों में आक्रामक स्थिति अपनाए हुए है। देपसांग की वजह से ही चीन पैंगोंग के कई हिस्सों पर आक्रामक है। देपसांग प्लेन की 972 स्क्वॉयर किलोमीटर की जमीन पर चीन अपना दावा करता है। चीन इस बात को लेकर खासा परेशान है कि देपसांग-दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर उसके वेस्टर्न हाइवे जी-219 के एकदम करीब है। यह हाइवे तिब्बत को शिनजियांग से जोड़ता है। पीएलए ने पहले ही यहां पर अपनी 4 मोटोराइज्ड इनफेंट्री डिविजन और 6 मैकेनाइज्ड इनफेंट्री डिविजन के 12,000 से ज्यादा जवानों को टैंक्स और आर्टिलरी गन को यहां पर तैनात किया हुआ है। देपसांग के डेप्थ एरियाज में इन जवानों की तैनाती है। मई माह से भारत की तरफ से दो अतिरिक्त ब्रिगेड्स को तैनात किया गया है। हर ब्रिगेड में करीब 3,000 जवान होते हैं। इसके अलावा देपसांग में टैंक और मैकेनाइज्ड इनफेंट्री रेजीमेंट्स को भी तैनात कर दिया गया है।