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लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद कर्नल संतोष बाबू को सोनू सूद ने ऐसे दी श्रद्धांजलि, कहा-आपका बलिदान...

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मुंबई। सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जो कुछ हुआ है, उससे पूरा देश सकते में है। जिस तरह से चीन ने भारत को धोखा दिया, उस पर किसी को भी यकीन नहीं हो पा रहा है। चीनी जवानों के साथ हुए हिंसक टकराव में 20 सैनिक शहीद हो गए। 45 साल बाद हुई ऐसी घटना में 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू भी शहीद हो गए हैं। बॉलीवुड एक्‍टर सोनू सूद ने कर्नल बाबू को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। सोनू ने कहा है कि कर्नल बाबू के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

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'आपका बलिदान कभी भूलाया नहीं जाएगा'

'आपका बलिदान कभी भूलाया नहीं जाएगा'

सोनू जो कोरोना महामारी के काल में प्रवासी मजदूरों के मसीहा बनकर उभरे हैं, उन्‍होंने ट्वीट किया और लिखा, 'संतोष बाबू आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। आपका बलिदान कभी भी भुलाया नहीं जाएगा। आपने जो किया है उसके लिए हम आपको और आपके परिवार को सलाम करते हैं।' पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच जारी टकराव अब एक तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। 45 साल बाद एलएसी पर हुए संघर्ष में भारत कर्नल संतोष बाबू समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। कर्नल संतोष बाबू के माता-पिता तेलंगाना में हैं और उनकी पत्‍नी और बच्‍चे दिल्‍ली में रहते हैं। कर्नल बाबू तेलंगाना के सूर्यपेट के रहने वाले थे।

12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्‍कूल से

12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्‍कूल से

कर्नल संतोष बाबू साल 2004 में कमीशंड हुए थे और उनकी पहली पोस्टिंग जम्‍मू कश्‍मीर थी। मंगलवार दोपहर को माता-पिता को सीनियर आर्मी ऑफिसर्स की तरफ से बेटे की शहादत के बारे में पता चला था। 37 साल के कर्नल बिकुमल्‍ला संतोष बाबू बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे। उन्‍होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश के विजियांगराम जिले में स्थित सैनिक स्‍कूल में एडमिशन लिया। 12वीं तक की पढ़ाई कर्नल बाबू ने अपनी पढ़ाई रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले इसी सैनिक स्‍कूल से पूरी की। उनके पिता बी उपेंद्र जो रिटायर्ड बैंक कर्मी हैं, उन्‍होंने कहा है कि बेटे ने उनके देश सेवा के सपने को पूरा किया है और उन्‍हें उन पर गर्व है।

सोनू भी बनना चाहते थे आर्मी ऑफिसर

सोनू भी बनना चाहते थे आर्मी ऑफिसर

दो साल पहले रिलीज हुई जेपी दत्‍ता की फिल्‍म 'पलटन' में सोनू सूद एक आर्मी ऑफिसर बने थे। फिल्‍म में सोनू ने मेजर बिशन सिंह का रोल अदा किया था। यह फिल्‍म सन् 1967 में सिक्किम बॉर्डर पर नाथू ला और चो ला पर भारत-चीन की सेनाओं के बीच संघर्ष पर आधारित थी। सन् 1967 में भारत की सेना ने 62 की जंग के बाद चीन के दुस्‍साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया था। पंजाब के मोगा के रहने वाले सोनू के मुताबिक इस फिल्‍म में आर्मी ऑफिसर की यूनिफॉर्म पहनने से उनका वह सपना पूरा हुआ था जो वह हमेशा से देखते आए थे। उस समय सोनू ने अपने एक इंटरव्‍यू में कहा था, 'उत्‍तर भारत के कई लोग मिलिट्री में जाते हैं क्‍योंकि इस हिस्‍से पर कई बार घुसपैठ और हमले हुए हैं।'

मेजर बिशन सिंह बने थे सोनू सूद

मेजर बिशन सिंह बने थे सोनू सूद

जेपी दत्‍ता की फिल्‍म के मेजर बिशन सिंह दरअसल 67 में हुए टकराव के रीयल हीरो थे। मेजर बिशन बाद में कर्नल होकर रिटायर हुए। चीन के समय जब जंग चल रही थी तो उस समय मेजर बिशन सिंह कंपनी कमांडर थे और उन्‍हें 'टाइगर ऑफ नाथ ला' कहा जाता है। आज वह जयपुर में रहते हैं। कहते हैं फिल्‍म में सोनू ने जो डायलॉग बोला था, 'हमारी कंपनी इतिहास रचेगी,' वह दरअसल रिटायर्ड कर्नल बिशन सिंह का अपने सीनियर से किया गया एक वादा था। जंग के साथ ही उन्‍होंने उस वादे को पूरा भी किया। सोनू के मुताबिक उनके पिता का सपना था कि वह आर्मी यूनिफॉर्म पहनें। हालांकि सोनू के पिता उनकी आर्मी ऑफिसर वाली इस पहली फिल्‍म को देख नहीं सके। साल 2016 में उनका निधन हो गया।

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English summary
India-China border: Sonu Sood pays heartfelt tribute to Colonel Babu says sacrifice will never be forgotten.
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