हम मालदीव में दखल नहीं देंगे, लेकिन चीन भी लाइन क्रॉस ना करें: भारत
नई दिल्ली। मालदीव में राजनीतिक उठापठक को लेकर भारत ने चीन को कहा है कि नई दिल्ली इसमें दखलंदाजी नहीं करेगा, लेकिन साथ ही नसीहत देते हुए कहा कि बीजिंग भी 'लाइन क्रॉस' नहीं करें। मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट के दौरान वहां की सुप्रीम कोर्ट और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से हस्तक्षेप करने के लिए कहा था। उस दौरान चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए मालदीव से दूर रहने के लिए कहा था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियो ने बताया कि वो दिन चले गए जब भारत का मानना था कि दक्षिण एशिया उसके प्रभाव का मुख्य इलाका है और चीन जैसी दूसरी शक्तियां ऐसा करने से रोक सकता है। भारत के लिए अपने प्रभाव को विस्तार देना अब बीते दिनों की बात है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में भारत अपने आप एकमात्र शक्तिशाली होने का दावा नहीं करता है। मालदीव या नेपाल में चीन क्या कर रहा है, हम उन्हें रोक नहीं सकते। लेकिन हम उन्हें हमारी संवेदनशीलताओं और हमारी वैधता सीमा के बारे में याद दिला सकते हैं। अगर वे इसका उल्लंघन कर रहे हैं तो रणनीतिक विश्वास के टूटने का जिम्मा बीजिंग का ही होगा।
डोकलाम गतिरोध के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आने वाले सप्ताह में चीन का दौरा करेंगे। वहीं, जून के अंतिम सप्ताह में शंघाई में होनी वाली SCO मीटिंग में पीएम मोदी भी शिरकत करेंगे, जहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होने की संभावना है।
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